गुरुग्राम : ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए कृत संकल्पित होकर कई कंपनियां काम कर रही है। इस दिशा में स्वच्छ उर्जा उत्पादन और उपभोग पर भी ख़ासा ध्यान दिया जा रहा है। जिसमें भारत सरकार की अनुसंगी कंपनियों सहित राज्यों और निजी क्षेत्र की भी कई भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। ऐसे में अभी हालिया 19 अगस्त को गुरुग्राम में हुए एक प्रोग्राम खास रहा है जो एक ख़ास उद्देश्य से सकारात्मक प्रयास की ओर इशारा करता है।
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19 अगस्त को गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्युत मंत्रालय के तत्वावधान में चलने वाली महारत्न कंपनी सीपीएसयू की एक अनुषंगी कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने ऊर्जा संवर्धन और वितरण की दिशा में सार्थक कदम उठाया है। इस क्रम में आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है ने दो परियोजना विशिष्ट एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) अपनी सहयोगी को सौंपे। ये दोनों एसपीवी को राजस्थान राजस्थान IV-C पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड और राजस्थान IV-E पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को दिया गया जिसका गठन राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र Ph-IV (जैसलमेर/बाड़मेर कॉम्प्लेक्स) से बिजली की निकासी के लिए उपयोग में किया जा सकेगा। मेसर्स पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) एक ट्रांसमिशन सर्विस प्रदाता के रूप में उभरती कंपनी है। जो निर्माण, संचालन और स्थानान्तरण की उपयुक्तता के आधार पर काम करती है।
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यह उपरोक्त ट्रांसमिशन परियोजनाओं के विकास के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक आरईसीपीडीसीएल द्वारा संचालित टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में उभरी जो निर्माण, संचालन और स्थानांतरण आधार योजना पर कार्य करता है। इसमे परियोजना राजस्थान IV-C पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में मंदसौर में 765/400 केवी, 3×1500 एमवीए और 400/220 केवी, 5×500 एमवीए पूलिंग स्टेशन का निर्माण, 171.75 किलोमीटर 765 केवी लाइन और संबंधित कार्य शामिल हैं। राजस्थान IV-E पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड परियोजना में ऋषभदेव के पास 765 केवी सब स्टेशन, 339.24 किलोमीटर 765 केवी लाइन और संबंधित कार्य शामिल हैं। इन दोनों एसपीवी को श्री टी.एस.सी. (सीईओ, आरइसीपीडीसीएल) द्वारा पीजीसीआईएल के कंपनी सचिव श्री सत्य प्रकाश दास को सौंपा गया। इस अवसर पर पीजीसीआईएल के अधिकारीयों सहित सेन्ट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ़ इंडिया के अधिकारीयों की उपस्थिथि उल्लेखनीय रही। सौंपा गया। बोश, सीईओ, आरईसीपीडीसीएल ने आरईसीपीडीसीएल और सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कंपनी सचिव श्री सत्य प्रकाश दाश सहित पीजीसीआईएल के अधिकारियों को संबोधित किया। परियोजनाओं को 2 वर्षों में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रायोजित अभियान के तहत इस योजना की क्रियान्वयन अवधि दो साल सुनिश्चित की गई है। ऐसे में यह प्रयास दिखाता है कि हम अपनी ऊर्जा संरक्षण नीति और पर्यावरण संतुलन के प्रति सजग रहते हुए काम कर रहे है।