नई दिल्ली: राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) को केंद्र सरकार ने 1,650 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह मदद कंपनी के वित्तीय और परिचालन संकटों को दूर करने के लिए की गई है। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित इस कंपनी का इस्पात उत्पादन संयंत्र 75 लाख टन की क्षमता वाला है, लेकिन हाल के वर्षों में यह विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहा है।
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केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने इस कंपनी को समर्थन देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 19 सितंबर 2024 को सरकार ने आरआईएनएल में 500 करोड़ रुपये की इक्विटी मदद दी, जबकि 27 सितंबर को इसे 1,140 करोड़ रुपये का कार्यशील पूंजी ऋण (वर्किंग कैपिटल लोन) प्रदान किया गया। इस्पात मंत्रालय ने एक नोट में कहा कि सरकार आरआईएनएल को चालू हालत में बनाए रखने के लिए कई उपाय कर रही है।
सरकार ने इस संकट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सहायक कंपनी एसबीआईकैप्स से आरआईएनएल की वित्तीय स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है। इस रिपोर्ट में आरआईएनएल की गंभीर वित्तीय चुनौतियों का उल्लेख किया गया है, और इसे सुलझाने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जा रही है।
आरआईएनएल की समस्याओं में से एक है, इसके तीन में से दो ब्लास्ट फर्नेस का 2028 तक बंद होना। इस स्थिति के कारण कंपनी पर कुल कर्ज बढ़कर 35 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।