राकेश शर्मा
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आप पार्टी से विधान सभा चुनाव से दो महीने पहले इस्तीफ़ा देकर केजरीवाल की शातिर राजनीति को बड़ा झटका दे दिया है।
कैलाश गहलोत आप पार्टी के कोई छोटे मोटे नेता नहीं थे, केजरीवाल के मुख्य मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद उनका नाम मुख्य मंत्री के लिये भी अग्रणी क़तार में था। केजरीवाल जी अनुपस्थिति में इस वर्ष पंद्रह अगस्त को दिल्ली में झंडा भी उन्होंने ही फहराया था। वह बाह्य दिल्ली के नजफ़गढ़ से विधायक हैं और बाहरी दिल्ली के लोगों के बीच अच्छी पैठ रखते हैं! इस बहुत बड़ी घटना के बाद आम आदमी ने इसे बहुत हल्के में लिया है और दिल्ली की अस्थायी मुख्यमंत्री ने कैलाश गहलोत का इस्तीफ़ा तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर एक संदेश देने का प्रयास किया है की वह इस वज्रपात से बिल्कुल विचलित नहीं है।
इसे भी पढ़ें=आरईसी लिमिटेड को बेस्ट फंडिंग सॉल्यूशन के लिए एडम स्मिथ एशिया 2024 अवार्ड से किया गया सम्मानित
इस इस्तीफ़े को भी उन्होंने पार्टी के तानाशाह कन्विनर अरविंद केज़रीवाल के उसी अहंकार की तरह लिया जिससे उन्होंने पार्टी के संस्थापक सदस्यों योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास, शाजिया इल्मी, कमांडर राम दास , कपिल मिश्रा इत्यादि के पार्टी छोड़ते वक़्त दिखाया था। इन सभी ने आप पार्टी छोड़ते हुए कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, वहाँ सिर्फ़ केजरीवाल का माई वे या हाई वे चलता है। उनसे मतभिन्नता वाले सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। सभी ने पार्टी छोड़ते हुए कहा की आप पार्टी में सिर्फ़ केजरीवाल के चमचे जिनकी अपनी आत्मा नहीं है वही रह सकते है। लेकिन आज कैलाश गहलोत का इस्तीफ़ा पहले पार्टी छोड़कर गए संस्थापक सदस्यों से बिल्कुल भिन्न है। चुनाव के मौक़े पर इस्तीफ़े की चिट्ठी में जो बातें उन्होंने लिखीं हैं उससे केजरीवाल की प्रतिष्ठा पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ना अत्यावश्यक है, इससे केजरीवाल उभर भी पायेंगे या नहीं यह भविष्य के गर्भ में निहित हैं।
आप के मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण सदस्य कैलाश गहलोत ने चर्चित आरोपों की पुष्टि करते हुए कह दिया कि आप पार्टी ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के वायदे के साथ दिल्ली में सरकार बनायी थी लेकिन दिल्ली सरकार का हर विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है। अंदर की बातें जानने वाले एक मंत्री का यह बहुत ही गंभीर आरोप है। उन्होंने केजरीवाल के यमुना की सफ़ाई के झूठे वायदे की याद दिलाते हुए कहा कि यमुना में प्रदूषित झाग अनवरत जारी है, शीश महल घोटाले पर उन्होंने शर्मिंदगी दिखाई। उन्होंने यह भी लिखा की पिछले दस वर्ष में केजरीवाल ने दिल्ली वालों की भलाई के लिए कुछ नहीं किया सिर केंद्र सरकार से लड़ते ही रहे। उनकी बातों में ईमानदारी परिलक्षित हो रही है। उधर झूठे प्रचार पर आधारित आम आदमी पार्टी के छद्म प्रवक्ता दुर्गेश पाठक और संजय सिंह टीवी चैनलों पर आकर कह रहे हैं की ईडी और इनकम टैक्स के भय के कारण कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़ दी है। ग़नीमत यह रही कि आप की परमानेंट झूठे प्रचार मंत्रीयों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने अभी तक अपनी भड़ास नहीं निकाली है , शायद रविवार को विश्राम के बाद आज कुछ कहेंगे।
केजरीवाल जी अब झूठ के पुलिंदे खोलने वाला ब्रह्मास्त्र निकल गया है जिससे आपके भ्रष्टाचार और दिल्ली वालों को धोखा देने की पोल अवश्य खुलेगी। आपकी ग़लतियों के कारण 500 से ऊपर एक्यूआई के गैस चैम्बर में रह रहे दिल्लीवासियीं ने अपना मन बना लिया है, आपकी सारी पोल खुल गई है, अब ढीली बुशर्ट, चप्पल और मफ़लर पहने नक़ली भाई, बेटे पर पर कोई विश्वास करने वाला नहीं है। आपके एक महत्वपूर्ण साथी कैलाश गहलोत ने आपके भ्रष्टाचार और झूठ के शक को विश्वास में बदल दिया है।