दिल्ली, ब्यूरो | किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर करता है। ऐसे में अगर आज की पीढ़ी शिक्षा से वंचित रहती है तो इसका नुकसान भविष्य में भारत को ही उठाना होगा। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा शुरू किये गये साक्षरता दिवस का प्रमुख उद्देश्य नव साक्षरों को उत्साहित करना । अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमारे लिए अहम दिवस है, क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है। देश में पुरुषों की अपेक्षा महिला साक्षरता कम है।भारत के सभी सर्वे को देखा जाए तो इन सभी सर्वे के अनुसार, भारत की वयस्क साक्षरता दर 74-75 प्रतिशत है। जो दुनिया भर में औसत 86 प्रतिशत से नीचे है। यह इस सवाल का संकेत देता है कि केंद्र सरकार के 'बेटी पढाओ, बेटी बचाओ' अभियान सहित सभी योजनाओं का अभी तक कोई परिणाम हासिल नहीं हुआ है। वहीं अगर पिछले सर्वे की बात की जाए तो भारत की ओवरऑल साक्षरता दर 71.96 प्रतिशत थी।
विद्यालयों की अतिरक्त फीस बनीं बच्चों के अशिक्षित होने का मुख्य कारण
Uday Sarvodaya | 8 Sep 2019 7:14 AM GMT
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Updated : 8 Sep 2019 7:14 AM GMT
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