झारखण्ड, ब्यूरो | झारखंड के चर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामला एक बार फिर चर्चा में हैं । इस मामले में आरोपियों से धारा 302 हटा धारा 304 लगाए जाने पर तबरेज की पत्नी ने सरायकेला के डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात कर नाराजगी जताते हुए आत्मदाह की धमकी दी थी । अब पुलिस ने यू टर्न लेते हुए फिर से आरोपियों पर धारा 302 लगा दिया है । सरायकेला मॉब लिंचिंग मामले में फिर से धारा 302 लगाए जाने के बाद एक ओर जहां तबरेज के परिवार वाले और उसकी पत्नी ने संतोष व्यक्त किया है, वहीं तबरेज हत्याकांड के आरोपियों के परिजन और धतकीडीह गांव के ग्रामीण काफी क्षुब्ध और मायूस हैं । ग्रामीणों ने मीडिया पर भड़ास निकलते हुए कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ मीडिया भी उस चोर का ही पक्ष ले रही है ।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि मुस्लिम संगठन ने भी एक चोर को शहीद का दर्जा और लाखों रुपये उसके परिवार को दिया । धतकीडीह के ग्रामीणों ने कहा कि तबरेज जिस घर में चोरी करने घुसा था, उसकी छत से कूदने के क्रम में गंभीर रूप से घायल हुआ था । मारने से उसकी हड्डी नहीं टूटी है । ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि यदि तबरेज को गंभीर चोट लगी हुई थी तो पुलिस ने उसका इलाज क्यों नहीं करवाया । ग्रामीणों का कहना है कि जितने दोषी ग्रामीण हैं, उससे कहीं ज्यादा दोषी तो पुलिस और डॉक्टर हैं। उनके ऊपर भी हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए । ग्रामीणों ने रुंधे स्वर में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो पूरे गांव के ग्रामवासी डीसी ऑफिस या एसपी ऑफिस के सामने सामूहिक आत्मदाह करेंगे । वार्ड सदस्य माया महाली और गांव की कई अन्य ग्रामीणों ने भी नाराजगी जताई है । अभियुक्तों के वकील सुभाष हाजरा ने कोर्ट से न्याय का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि धारा 302 लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्यूंकि घटना की टाइमिंग और अन्य साक्ष्य हैं ही नहीं । चोरी के शक में भीड़ ने 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की पिटाई कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी । तबरेज की पत्नी शाहिस्ता परवीन की तहरीर पर पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था । पिछले दिनों पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताए जाने का हवाला देते हुए धारा 302 हटाकर 304 लगा दी । इसके खिलाफ शाहिस्ता परवीन ने उपायुक्त से मुलाकात कर नाराजगी जताते हुए आत्मदाह की चेतावनी दी थी ।