Author: Lalit Garg

40 साल का अनुभव, स्वतंत्र लेखक, स्तंभकार, पत्रकार एवं समाजसेवी, बी. काम करने के बाद पत्रकारिता में डिग्री। अध्यक्ष- सुखी परिवार फाउण्डेशन, कार्यकारी अध्यक्ष- विद्या भारती स्कूल, सूर्यनगर, गाजियाबाद

ललित गर्ग लोगों के बीच एकजुटता के महत्व को बताने, गरीबी पर अंकुश लगाने, दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन के लिए नए रास्तों की तलाश करने, विकासशील देशों में मानव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने, शांति एवं सौहार्दपूर्ण जीवन को संभव बनाने, सरकारों को अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की याद दिलाने एवं पूरी दुनिया में, विशेष रूप से विकासशील देशों में सहयोग, शांति, सह-जीवन, समानता और सामाजिक न्याय की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को यह…

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ललित गर्ग विपक्ष बात-बात पर तू-तू, मैं-मैं करते हुए बात का बतंगड़ बनाकर देश का भारी नुकसान कर रहा है। संसद को चलने नहीं दे रहा है, आधे-अधूरे बयान के हिस्से को प्रचारित कर घटिया एवं सस्ती राजनीति करते हुए देश को गुमराह कर रही है। बेबुनियाद एवं भ्रामक मुद्दों को उछाल कैसे गुल खिलाये, कैसे देश को अंधेरों में धकेला जाये, इसी फिराक में कांग्रेस एवं समूचा विपक्ष दिनरात लगा है, इसका प्रमाण है गत दिवस संसद में गृह मंत्री अमित शाह के डा. आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर विपक्ष का हंगामा, तीखी नोकझोंक एवं होहल्ला। इस…

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ललित गर्ग अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस प्रतिवर्ष 9 दिसम्बर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। 31 अक्टूबर 2003 को संयुक्त राष्ट्र ने एक भ्रष्टाचार-निरोधी समझौता पारित किया था और तभी से यह दिवस मनाया जाता है। पूरे विश्व में एक समृद्ध, ईमानदार, पारदर्शी, नैतिक एवं मूल्याधारित समाज को बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार को खत्म करना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। तेजी से पांव पसार रहा भ्रष्टाचार किसी एक समाज, प्रांत या देश की समस्या नहीं है। इसने हर व्यक्ति एवं व्यवस्था को दूषित किया है, इसे रोकने के लिये प्रतीक्षा नहीं प्रक्रिया आवश्यक है। सत्ता एवं स्वार्थ…

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ललित गर्ग संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा घोषित दिवसों में एक महत्वपूर्ण दिवस है विश्व मानवाधिकार दिवस। प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है। इस महत्त्वपूर्ण दिवस की नींव विश्व युद्ध की विभीषिका से झुलस रहे लोगों के दर्द को समझ कर और उसको महसूस कर रखी गई थी। यह दिवस मानव के अस्तित्व एवं अस्मिता को अक्षुण्ण रखने के संकल्प को बल देता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 10 दिसम्बर, 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को अधिकारिक मान्यता प्रदान की थी। तब से यह दिन इसी नाम से मनाया जाने लगा।…

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ललित गर्ग भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक विरासत को कुचलने की चेष्टाएं अतीत से लेकर वर्तमान तक होती रही है। बहुत बड़ा सच है कि अगर किसी देश को नष्ट करना है तो उसकी सांस्कृतिक पहचान को खत्म कर दो। देश अपने आप नष्ट हो जाएगा। भारत पर हमला करने वाले विदेशी आक्रांताओं ने यही किया। इस्लामी आक्रांताओं ने न सिर्फ धन-संपदा लूटी बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर मंदिरों और धार्मिक स्थलों को तोड़ कर मस्जिदें बना दीं। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के शत्रु एवं तथाकथित धर्म-निरपेक्षता की…

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ललित गर्ग अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत एवं उसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साख एवं सीख के कारण भारत दुनिया का सिरमौर बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में 5 दिन के विदेश दौरे में तीन देशों की यात्रा की और 31 ग्लोबल लीडर्स और वैश्विक संगठनों के प्रमुखों के साथ मुलाकात की। मोदी की विदेश यात्राओं से विश्व में भारत का न सिर्फ सम्मान बढ़ रहा है बल्कि दुनिया का हमारे देश के प्रति नजरिया भी बदल रहा है। भारत का हमेशा से मानना रहा है कि दुनिया के शीर्ष ताकतों को सिर्फ अपने बारे…

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ललित गर्ग देश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने, बढ़ते बाल-विवाह से प्रभावित बच्चों के जीवन को इन त्रासद परम्परागत रूढ़ियों की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने के लिये सरकार ने बाल-विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करके एक सराहनीय एवं स्वागतयोग्य उपक्रम से हिम्मत और बदलाव की मिसाल कायम की है। यह एक शुभ संकेत एवं श्रेयस्कर जीवन की दिशा है। यह किसी समाज के लिये बेहद नकारात्मक टिप्पणी है कि सदियों के प्रयास के बावजूद वहां बाल विवाह की कुप्रथा विद्यमान है। यहां यह विचारणीय तथ्य है कि समाज में ऐसी प्रतिगामी सोच क्यों पनपती है? क्यों लोग…

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ललित गर्ग  हर साल नवंबर के चौथे गुरुवार को अमेरिका समेत कई देशों में थैंक्सगिविंग डे यानी धन्यवाद दिवस, कृतज्ञता दिवस मनाया जाता है। थैंक्सगिविंग आधिकारिक तौर पर छुट्टियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक होता है, जिसे जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, जापान और अन्य देशों में भी मनाया जाता है। अमेरिका में इस दिन को क्रिसमस की ही तरह धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे का शुक्रिया अदा करते हुए आने वाले साल के लिए सुखद, स्वस्थ, समृद्ध एवं खुशहाल होने की दुआ करते हैं। यह दिन उत्तरी अमेरिका का एक पारंपरिक त्योहार है, जो एक तरह…

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ललित गर्ग हाल ही में प्रस्तुत हुई यूनिसेफ की रिपोर्ट ‘द फ्यूचर ऑफ चिल्ड्रेन इन चेंजिंग वर्ल्ड’ ने भारत में बच्चों के भविष्य को लेकर उत्पन्न चुनौतियों, त्रासद स्थितियों एवं भयावह भविष्य को उजागर किया है। इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि साल 2050 तक भारत में 35 करोड़ बच्चे जनसांख्यिकीय बदलावों, जलवायु संकट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीकी बदलावों की चुनौतियों का सामना कर रहे होंगे। उस समय जन्म लेने वाले बच्चों को जन्म के बाद जीवन में जलवायु परिवर्तन के संकटों से जुझना होगा, भीषण लू, गरमी, बाढ़, तूफान, चक्रावात और अनेक जलवायु जनित बीमारियों से सामना…

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ललित गर्ग हम में से प्रत्येक को बच्चों के अधिकारों की वकालत करने, उन्हें बढ़ावा देने, उनके शोषण को रोकने, उनका समग्र विकास करने और बच्चों का उत्सव मनाने के लिए एक प्रेरणादायी अवसर के रूप में सार्वभौमिक बाल दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाता है। इसकी स्थापना 1954 में हुई थी। 20 नवंबर एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन 1959 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया था। इसी दिन 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को भी अपनाया था। सार्वभौमिक बाल दिवस पहली बार 1925 में जिनेवा, स्विटजरलैंड में…

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