Author: Lalit Garg

40 साल का अनुभव, स्वतंत्र लेखक, स्तंभकार, पत्रकार एवं समाजसेवी, बी. काम करने के बाद पत्रकारिता में डिग्री। अध्यक्ष- सुखी परिवार फाउण्डेशन, कार्यकारी अध्यक्ष- विद्या भारती स्कूल, सूर्यनगर, गाजियाबाद

ललित गर्ग सुप्रीम कोर्ट ने अपने दो हालिया फैसलों में धर्मनिरपेक्षता की विस्तृत व्याख्या करते हुए इसे और मजबूती दी है। असल में धर्मनिरपेक्षता को लेकर संविधान-निर्माताओं का मुख्य उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता, समानता एवं बंधुत्व भाव से था, लेकिन बाद में यह शब्द भ्रामक हो गया और इसने धर्म के अस्तित्व को ही नकार दिया। राजनेताओं ने अपने-अपने हितों को साधने के लिये इस धर्मनिरपेक्षता शब्द के वास्तविक अर्थ एवं भावना को ही धुंधला दिया। सर्वोच्च अदालत ने बीते सोमवार को संविधान के 42वें संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बाबत धर्मनिरपेक्षता को भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना का…

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ललित गर्ग गलवान संघर्ष के बाद भारत-चीन दोनों देशों के रिश्तों में एक बर्फ सी जम गई थी, वह बर्फ अब पिघलती-सी प्रतीत हो रही है। दोनों देश रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर गश्त लगाने पर एक समझौते पर पहुंचे हैं। दोनों देशों के बीच लम्बे समय से चले आ रहे तनाव के बादल अब छंट सकते हैं। सीमा विवाद से जुड़े इस फैसले के गहरे कूटनीतिक व सामरिक निहितार्थ हैं। लेकिन इस फैसले का अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा, इससे…

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ललित गर्ग जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात को आतंकवादियों ने जिस तरह टारगेट किलिंग से एक कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाया, वह कई लिहाज से गंभीर, चिन्ताजनक एवं चुनौतीपूर्ण घटना है। यह आतंक का अंधेरा फैलाने एवं अमन के उजाले को लीलने की गहरी साजिश है। यह जहां आतंकवादियों की बौखलाहट की निष्पत्ति है वहीं उनकी बदली प्राथमिकताओं की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। राज्य में टारगेट किलिंग की यह कोई नई घटना नहीं है बल्कि हाल ही के वर्षों में सुरक्षा बलों के कैम्पों से लेकर प्रवासी मजदूरों के घरों एवं कश्मीरी…

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ललित गर्ग दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में अभी दीपावली आने में कुछ दिन है, उससे पहले ही जहरीली हवा एवं वायु प्रदूषण से उत्पन्न दमघोटू माहौल का संकट जीवन का संकट बनने लगा हैं और जहरीली होती हवा सांसों पर भारी पड़ने लगी है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआइ बहुत खराब की श्रेणी में पहुंच चुका है। दिल्ली में औसत एक्यूआइ 293 पहुंच गया है। दिल्ली के अनेक क्षेत्रों में यह अभी से 300 पार जा चुका है। अतीत का अनुभव बताता है कि आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा। बढ़ते वायु प्रदूषण से जनता की सांसों पर गहराते…

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ललित गर्ग असंतुलित जलचक्र के कारण समूची दुनिया के समुख पानी एक बड़ी गंभीर एवं चुनौतीपूर्ण समस्या बन रही है। पृथ्वी के चारों ओर पानी के घूमने की प्रणाली को जल-चक्र कहा जाता है, जीवन को संचालित करने के लिए जिसका सुचारु होना आवश्यक होता है। पूरी दुनिया में पीने के पानी की भारी समस्या है और उसके अधिक विकराल होने की संभावनाओं की चेतावनी लम्बे समय से दिये जाने के बावजूद हम नहीं चेत रहे हैं। पानी के दुरुपयोग, जल संसाधनों के कुप्रबंधन, बदलते जलवायु, भूमि के बढ़ते उपयोग और वन क्षेत्रों में कटौती ने समूचे जल-चक्र को असंतुलित…

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ललित गर्ग आखिरकार जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की धूप खिल ही गयी, पांच साल बाद केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर को निर्वाचित सरकार मिल गयी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केन्द्र शासित प्रदेश में यह पहली चुनी हुई सरकार है, जो नई उम्मीदों के नये दौर का आगाज है। उमर अब्दुल्ला पहले भी एक बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन उनकी यह पारी हर तरह से खास है। नई सरकार के मुखिया के तौर पर उमर अब्दुल्ला के सामने…

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ललित गर्ग  अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस हर साल 17 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 17 अक्टूबर, 1987 को हुई थी। उस दिन, पेरिस के ट्रोकाडेरो में एक लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे। इस दिन को मनाने का मकसद, अत्यधिक गरीबी, हिंसा, और भूख से पीड़ित लोगों को सम्मानित जीवन उपलब्ध कराना है। इस दिवस की 2024 की थीम है, ‘सामाजिक और संस्थागत दुर्व्यवहार को समाप्त करना, न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज के लिए मिलकर कार्य करना।’ यह दिन गरीबी को कम करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की ज़रूरत पर ज़ोर देता है।…

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 ललित गर्ग सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विचार व्यक्त करने की आजादी का सम्मान किया जाना चाहिए और संविधान के अनुच्छेद-19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं। सही मायनों में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर सत्ताधीशों को आईना ही दिखाया है कि सरकार की रीति-नीतियों व निर्णयों की आलोचना करना पत्रकारों…

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ललित गर्ग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तान सरकार की तानाशाही, उदासीनता, उपेक्षा एवं दोगली नीतियों के कारण हालात बेकाबू, अराजक एवं हिंसक हो गये हैं। जीवन निर्वाह की जरूरतों को पूरा न कर पाने से जनता में भारी आक्रोश एवं सरकार के खिलाफ नाराजगी चरम सीमा पर पहुंच गयी है। गेहूं के आटे और बिजली की ऊंची कीमतों के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गयी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में अधिकतर पुलिसकर्मी हैं। पीओके के लोग…

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