तनवीर जाफ़री भारतीय राजनीति का स्वरूप अब बदल चुका है। अब हाथ जोड़कर विनम्रता प्रदर्शित करते नेताओं का युग शायद चला गया। कम से कम आज के दौर के नेताओं के तेवर उनके मुंह से निकलने वाले ज़हरीले शब्द बाणों, उनकी नीयत व कार्यशैली आदि को देखकर तो यही लगता है। ख़ासतौर पर गत एक दशक से जब से दक्षिणपंथी शक्तियों के हाथों में देश की सत्ता आई है तब से केंद्र व अनेक राज्य सरकारों द्वारा कई ऐसे फ़ैसले लिये गये जिनके कारण देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय तर्ज़-ए-सियासत की ख़ूब आलोचना हुई। भारतीय जनता पार्टी…
Author: Tanveer Jafri
तनवीर जाफ़री आजका हमारा स्वाधीन एकीकृत भारत स्वतंत्रता पूर्व लगभग 565 राजघरानों अथवा रियासतों का देश हुआ करता था। इनमें विभिन्न धर्मों व जातियों के अनेक भारतीय राजा -महाराजा – नवाब आदि अपनी अलग अलग रियासतों में राज किया करते थे। इनमें से कई राजघराने ऐसे थे जिन्होंने अपनी रियासत को मुग़लों,आक्रांताओं या अंग्रेज़ों की मातहती से बचाने के लिये उनसे संघर्ष किया। जबकि अधिकांश रियासतों के प्रमुख ऐसे थे जिन्होंने या तो भयवश या लालच में आकर या फिर मौक़ा परस्ती के चलते या तो अँग्रेज़ी हुकूमत के आगे घुटने टेक दिए। बताया जाता है कि ईस्ट इण्डिया कंपनी…
तनवीर जाफ़री फ़िलिस्तीन से लेकर लेबनान तक इज़राईली सैन्य आतंक निरंतर अपना क़हर बरपा कर रहा है। अपने हथियारों और ताक़त के नशे में चूर अमेरिका संरक्षित इज़राईली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्धोन्माद में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने न केवल युद्ध के सभी नियमों,नीतियों व सिद्धांतों को किनारे रख दिया है बल्कि वे दुनिया के उन देशों की भी परवाह नहीं कर रहे जो वर्तमान युद्ध में समय समय पर इस्राईल को आइना दिखाने की कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि नेतन्याहू किसी सलाह देने वाले देश या उसके नेता को भी बड़ी आसानी से अपने दुश्मनों…
तनवीर जाफ़री राजनैतिक यात्राओं से बिहार का गहरा नाता रहा है। भारतीय जनता पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जब सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा निकाली थी उस दौरान अयोध्या पहुँचने से पहले ही बिहार के समस्तीपुर में 22 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे। केंद्र में नेशनल फ़्रंट की भाजपा के समर्थन से चलने वाली सरकार थी। अडवाणी की रथ यात्रा जहाँ जहाँ से गुज़र रही थी वहाँ सांप्रदायिक माहौल ख़राब हो रहा था। कई जगह साम्प्रदायिक दंगे भी भड़क…
तनवीर जाफ़री भारतीय मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया इन दिनों जितने निम्नस्तर पर जाकर अपने दर्शकों को उकसा और वरग़ला कर उनमें धार्मिक उन्माद व नफ़रत पैदा कर रहा है वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। ऐसा लगता है कि पिछले दस वर्षों से मीडिया को देश में नफ़रत फैलाने और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की खुली छूट मिली हुई है। झूठी ख़बरें प्रसारित करना,टी वी एंकर्स द्वारा झूठे ट्वीट करना फिर अपने उसी ट्वीट को डिलीट कर देना,अपनी विचारधारा से मेल न खाने वाले टी वी वार्ता के पैनल्स के सदस्यों को अपमानित करना,उनके साथ गली गलोच करना और यदि वह…
तनवीर जाफ़री हरियाणा विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों ने पूरे देश के न केवल सभी प्रमुख एजेंसीज़ द्वारा किये गए एक्ज़िट पोल्स को बुरी तरह झुठला दिया बल्कि बड़े बड़े राजनैतिक विश्लेषकों को भी हैरानी में डाल दिया। मज़े की बात तो यह कि केवल कांग्रेस पार्टी ही हरियाणा में सत्ता में वापसी की उमीदों को लेकर गदगद नहीं थी बल्कि स्वयं भाजपा भी यह एहसास था कि किसान आंदोलन,अग्निवीर योजना व पहलवानों जैसे ज्वलंत मुद्दे उठने के बाद राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इनके अलावा भाजपा को दस वर्ष की सत्ता विरोधी लहर का भी सामना…
तनवीर जाफ़री पूरा विश्व गोया इस समय बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। सामने से तो यही नज़र आ रहा है कि एक तरफ़ कल तक सोवियत संघ के रूप में साथ रहने वाले दो देश रूस व यूक्रेन युद्धरत हैं तो दूसरी तरफ़ इस्राईल बनाम ईरान-हमास -लेबनान व हूती के बीच युद्ध चल रहा है। परन्तु दरअसल इन दोनों ही ख़ूनी संघर्षों के पीछे उसी अमेरिका की मुख्य भूमिका है जो दुनिया में सबसे अधिक अमन पसंदी,शांति,मानवाधिकार,लोकतंत्र और आतंकवाद को कुचलने जैसी बातें करता है। परन्तु जहाँ अमेरिका को अपने राजनैतिक हित साधने होते हैं वहां उसके यह…