तनवीर जाफ़री गोदी मीडिया,प्रचार तंत्र,झूठ,धर्म,अतिवाद व बहुसंख्यवाद के बल पर देश को चाहे जो भी सपने दिखाये जा रहे हों परन्तु हक़ीक़त तो यही है कि भारतीय राजनीति में मूल्यों व नैतिकता के स्तर का जितना पतन गत 10-15 वर्षों के दौरान होता दिखाई दिया है उतना पहले कभी नहीं हुआ। जो विपक्ष सत्ता संतुलन के लिये ज़रूरी समझा जाता था जिस विपक्ष को भारतीय सत्ता पक्ष हमेशा मान सम्मान दिया करता था, उसकी आलोचनाओं व संशोधन पर गंभीर हुआ करता था, वही विपक्ष, अब सत्ता को दुश्मन नज़र आने लगा है। गत दस वर्षों में जिस तरह भारतीय जनता…
Author: Tanveer Jafri
तनवीर जाफ़री बावजूद इसके कि मेडिकल साइंस काफ़ी तरक़्क़ी कर चुकी है और नित्य होने वाले अनुसंधानों ने लगभग सभी रोगों के क्षेत्र में सकारत्मक परिणाम भी दिये हैं। यहाँ तक कि कैंसर नामक सबसे घातक बीमारी के क्षेत्र में भी हुये अनेक नए शोध व अनुसंधानों ने कैंसर के मरीज़ों के इलाज में भी सकारात्मक परिणाम हासिल किये हैं। उसके बावजूद अभी भी कैंसर को दुनिया के सबसे ख़तरनाक व जानलेवा मर्ज़ों के रूप में गिना जाता है। निश्चित रूप से कीमियो/थेरेपी में निरंतर आ रहे सुधारों की कारण बचपन में होने वाले कैंसर के बाद ज़िंदा रहने वालों…
तनवीर जाफ़री साहित्य, मानवीय अभिव्यक्ति का एक ऐसा रूप है जो ‘संस्कृति’ का प्रसार करता है। साहित्य को समाज का दर्पण भी कहा जाता है। साहित्यकार अपनी रचनाओं में समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। साहित्य, जीवन के प्रचलन के अनुसार गतिशील रहता है। गैर-काल्पनिक गद्य, काल्पनिक गद्य, कविता, नाटक, और लोक कथाएं आदि साहित्य के प्रमुख रूप हैं। साहित्यिक भाषा, किसी भाषा का वह रूप है जिसका उपयोग औपचारिक, अकादमिक, या विशेष रूप से विनम्र लहजे में लिखते समय किया जाता है। साहित्य समाज के मर्म का भी दर्पण है। यह साहित्य ही है जिसके द्वारा शब्दों के…
तनवीर जाफ़री भारत में ईवीएम (EVM ) अर्थात इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का चलन कोई बहुत पुराना नहीं है। 1990 के दशक तक तो चुनावों के दौरान कागज़ के मतपत्रों अथवा बैलट पेपर का ही उपयोग किया जाता था। चूँकि भारत की गिनती विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में होती है इसलिये यहाँ पर्याप्त मात्रा में काग़ज़ के मतपत्रों के अतिरिक्त इनकी छपाई, मतपत्र व मत पेटियों के आवागमन(परिवहन ), इनके भंडारण और मतपत्रों की गिनती हेतु पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होती थी। इन बैलेट पेपर्स में धोखाधड़ी वाले मतदान और बूथ कैप्चरिंग की संभावना तो थी ही,साथ ही…
तनवीर जाफ़री भारतीय राजनीति का स्वरूप अब बदल चुका है। अब हाथ जोड़कर विनम्रता प्रदर्शित करते नेताओं का युग शायद चला गया। कम से कम आज के दौर के नेताओं के तेवर उनके मुंह से निकलने वाले ज़हरीले शब्द बाणों, उनकी नीयत व कार्यशैली आदि को देखकर तो यही लगता है। ख़ासतौर पर गत एक दशक से जब से दक्षिणपंथी शक्तियों के हाथों में देश की सत्ता आई है तब से केंद्र व अनेक राज्य सरकारों द्वारा कई ऐसे फ़ैसले लिये गये जिनके कारण देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय तर्ज़-ए-सियासत की ख़ूब आलोचना हुई। भारतीय जनता पार्टी…
तनवीर जाफ़री आजका हमारा स्वाधीन एकीकृत भारत स्वतंत्रता पूर्व लगभग 565 राजघरानों अथवा रियासतों का देश हुआ करता था। इनमें विभिन्न धर्मों व जातियों के अनेक भारतीय राजा -महाराजा – नवाब आदि अपनी अलग अलग रियासतों में राज किया करते थे। इनमें से कई राजघराने ऐसे थे जिन्होंने अपनी रियासत को मुग़लों,आक्रांताओं या अंग्रेज़ों की मातहती से बचाने के लिये उनसे संघर्ष किया। जबकि अधिकांश रियासतों के प्रमुख ऐसे थे जिन्होंने या तो भयवश या लालच में आकर या फिर मौक़ा परस्ती के चलते या तो अँग्रेज़ी हुकूमत के आगे घुटने टेक दिए। बताया जाता है कि ईस्ट इण्डिया कंपनी…
तनवीर जाफ़री फ़िलिस्तीन से लेकर लेबनान तक इज़राईली सैन्य आतंक निरंतर अपना क़हर बरपा कर रहा है। अपने हथियारों और ताक़त के नशे में चूर अमेरिका संरक्षित इज़राईली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्धोन्माद में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने न केवल युद्ध के सभी नियमों,नीतियों व सिद्धांतों को किनारे रख दिया है बल्कि वे दुनिया के उन देशों की भी परवाह नहीं कर रहे जो वर्तमान युद्ध में समय समय पर इस्राईल को आइना दिखाने की कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि नेतन्याहू किसी सलाह देने वाले देश या उसके नेता को भी बड़ी आसानी से अपने दुश्मनों…
तनवीर जाफ़री राजनैतिक यात्राओं से बिहार का गहरा नाता रहा है। भारतीय जनता पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जब सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा निकाली थी उस दौरान अयोध्या पहुँचने से पहले ही बिहार के समस्तीपुर में 22 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे। केंद्र में नेशनल फ़्रंट की भाजपा के समर्थन से चलने वाली सरकार थी। अडवाणी की रथ यात्रा जहाँ जहाँ से गुज़र रही थी वहाँ सांप्रदायिक माहौल ख़राब हो रहा था। कई जगह साम्प्रदायिक दंगे भी भड़क…
तनवीर जाफ़री भारतीय मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया इन दिनों जितने निम्नस्तर पर जाकर अपने दर्शकों को उकसा और वरग़ला कर उनमें धार्मिक उन्माद व नफ़रत पैदा कर रहा है वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। ऐसा लगता है कि पिछले दस वर्षों से मीडिया को देश में नफ़रत फैलाने और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की खुली छूट मिली हुई है। झूठी ख़बरें प्रसारित करना,टी वी एंकर्स द्वारा झूठे ट्वीट करना फिर अपने उसी ट्वीट को डिलीट कर देना,अपनी विचारधारा से मेल न खाने वाले टी वी वार्ता के पैनल्स के सदस्यों को अपमानित करना,उनके साथ गली गलोच करना और यदि वह…
तनवीर जाफ़री हरियाणा विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों ने पूरे देश के न केवल सभी प्रमुख एजेंसीज़ द्वारा किये गए एक्ज़िट पोल्स को बुरी तरह झुठला दिया बल्कि बड़े बड़े राजनैतिक विश्लेषकों को भी हैरानी में डाल दिया। मज़े की बात तो यह कि केवल कांग्रेस पार्टी ही हरियाणा में सत्ता में वापसी की उमीदों को लेकर गदगद नहीं थी बल्कि स्वयं भाजपा भी यह एहसास था कि किसान आंदोलन,अग्निवीर योजना व पहलवानों जैसे ज्वलंत मुद्दे उठने के बाद राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इनके अलावा भाजपा को दस वर्ष की सत्ता विरोधी लहर का भी सामना…