आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल), विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत महारत्न सीपीएसयू, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने टीबीसीबी रूट के तहत एचवीडीसी ट्रांसमिशन परियोजना के परियोजना विशिष्ट एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) अर्थात खावड़ा वी-ए पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को 19 नवंबर 2024 को गुरुग्राम में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को सौंप दिया है।
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पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) बिल्ड, ओन, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओओटी) आधार पर ट्रांसमिशन परियोजना के विकास के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक आरईसीपीडीसीएल द्वारा आयोजित टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में उभरी। यह पहली एचवीडीसी ट्रांसमिशन परियोजना है, जिसके तहत टीबीसीबी मार्ग के माध्यम से अवार्ड प्रक्रिया पूरी कर, पीजीसीआईएल को सौंप दिया गया है। इस योजना में केपीएस2 और नागपुर में 6000 मेगावाट के 2 एचवीडीसी टर्मिनल स्टेशनों की स्थापना, केपीएस2 से नागपुर (1200 किमी) तक + 800 केवी एचवीडीसी बाइपोल लाइन (हेक्सा लैपविंग), नागपुर एस/एस में 6×1500 एमवीए, 765/400 केवी आईसीटी और संबंधित कार्यों को शामिल किया गया है।
आरईसीपीडीसीएल के सीईओ श्री टीएससी बोश ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री पंकज पांडे को आरईसीपीडीसीएल, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एसपीवी सौंपा। परियोजना की कार्यान्वयन अवधि 54 महीने है।
आरईसीपीडीसीएल के बारे में: आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, कई राज्य बिजली वितरण कंपनियों/राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान-आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएँ प्रदान कर रही है। आरईसीपीडीसीएल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में ट्रांसमिशन परियोजनाओं को भी लागू कर रही है। आरईसीपीडीसीएल अंतर-राज्यीय और साथ ही अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन परियोजनाओं और टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से कार्यान्वित आरई-बंडलिंग परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में भी काम कर रही है। इस प्रकार आरईसीपीडीसीएल अपने विशेषज्ञ परामर्श, परियोजना कार्यान्वयन और लेनदेन सलाहकार सेवाओं के साथ देश के बिजली क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में: आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक ‘महारत्न’ कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
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आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ ₹72,893 करोड़ है।