आज के दिन 11 तारिख को पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभाला था। और आज के दिन ही जनता ने उन्हें जीत का स्वाद दिया है।
छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में जिस प्रकार से कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है, वह काबिलेतारीफ है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय पार्टी के नेता अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को दे रहे हैं, जिन्होंने चुनाव वाले पांचों प्रदेशों में कुछ हफ्तों के भीतर 82 सभाएं और सात रोड शो किए थे।

कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि इन चुनावों में खासकर राजस्थान में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय राहुल गांधी के नेतृत्व को जाता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ने 7 अक्टूबर को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद सबसे अधिक 25 जनसभाएं मध्य प्रदेश में कीं। उन्होंने मध्य प्रदेश में 4 रोड शो भी किए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 19-19 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान में 2 और छत्तीसगढ़ में एक रोड शो भी किया। राजस्थान में कांग्रेस पांच साल बाद सत्ता में वापसी करती दिख रही है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 15 वर्षों के बाद भारी बहुमत से सत्ता में वापसी कर रही है। गांधी ने तेलंगाना में 17 जनसभाएं करके कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे, हालांकि यहां पार्टी को निराशा हाथ लगी। उन्होंने मिजोरम में 2 सभाएं कीं लेकिन यहां कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में नाकाम रही।

कैसी विडंबना है कि अटलजी के राज में 22 दल मिलकर सरकार चला रहे थे और लगभग उतने ही दल मिलकर अब मोदी की सरकार हटाने के लिए कमर कस रहे हैं। ऐसे-ऐसे दल भी आपस में जुड़ रहे हैं, जो एक-दूसरे के जानी दुश्मन रहे हैं। जैसे कांग्रेस और आप पार्टी, कांग्रेस और तेलुगु देसम पार्टी एवम् कांग्रेस और मार्क्सवादी पार्टी। इन पार्टियों का प्रांतीय स्तर का एका कठिन है, फिर भी अखिल भारतीय स्तर पर वे एकता का प्रयास कर रही हैं। पटनायक, अखिलेश और मायावती ने इस महागठबंधन से दूरी जरुर बना रखी है लेकिन यदि 2019 तक सीटों के बंटवारे उनके मन मुताबिक हो जाएं तो वे भी जुड़ जाएंगे। अब बिहार में भाजपा के साथी दल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी ने भी अपना हाथ खींच लिया है।
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को विधानसभा चुनावों के परिणामों के मद्देनजर यह टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया जनादेश बदलाव का स्पष्ट संकेत दे रहा है। कांग्रेस के सभी जांबाज़ साथियों से उम्मीद करता हूँ कि पूरी जिम्मेदारी से जनता की आशाओं पर खरे उतरेंगे। पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने भी कहा है कि विधानसभा के चुनाव परिणाम आम चुनाव में बदलाव का संकेत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दशक बाद 2014 में पहली बार केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायी थी लेकिन इस जानदेश का समझदारी से इस्तेमाल नहीं किया और वह किनारे पड़ गये। उनके सलाहकारों ने उन्हें सही सलाह नहीं दी और इसका परिणाम उन्हें इन विधानसभा चुनावों में मिल गया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी को किनारे करने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभायी और सबसे पहले श्री मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उनके गृह प्रदेश गुजरात में किनारे पर लाकर खड़ा कर दिया। उसके बाद वह उभर नहीं पाए और अब जनता ने संकेत स्पष्ट दे दिये हैं कि मोदी-शाह की जोड़ी से देश की जनता दुखी है इसलिए उन्हें हटाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है और यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
Updated : 11 Dec 2018 1:29 PM GMT
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