नई दिल्ली (उदय सर्वोदय डेस्क) : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राहकों की सुविधाओं को लेकर बड़ा कदम उठाया है. बैंक ने होम और ऑटो लोन पर लगने वाले ब्याज की व्यवस्था बदल दी है. मतलब साफ है कि अब आरबीआई के रेपो रेट (ब्याज दरें) घटाने के तुरंत बाद बैंक अपनी ब्याज दरें कम कर देगा. वहीं, बढ़ने पर तुरंत बढ़ जाएंगी. आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी पॉलिसी में यह नियम बदलने का फैसला लिया था.एक मई से लागू होगा नियम-एसबीआई ने देर शाम एक बयान में कहा कि नई दरें एक मई से प्रभावी होगी. इस कदम से रिजर्व बैंक के नीतिगत दर (रेपो रेट) में कटौती का फायदा तत्काल प्रभाव से ग्राहकों को मिलेगा. रिजर्व बैंक, बैंकों के साथ बार-बार इस मुद्दे को उठाता रहा है कि वह जितना रिपो रेट में कटौती करता है, बैंक उतना लाभ अपने ग्राहकों को नहीं देते. बैंक ने बयान में कहा, 'आरबीआई के नीतिगत दर में बदलाव त्वरित रूप से ग्राहकों को देने के मसले के हल के लिये एक मई 2019 से हमने बचत बैंक जमा तथा अल्पकालीन मियादी कर्ज के लिये ब्याज दर को रिजर्व बैंक की रीपो दर से जोड़ने का निर्णय किया है.ग्राहकों पर क्या होगा असर
- इस कदम से सभी जमाकर्ताओं को लाभ नहीं होगा क्योंकि नई दर उन्हीं खातों पर लागू होगी जिनके खातों में एक लाख रुपये से अधिक राशि होगी.
- रेपो रेट इस समय 6.25 प्रतिशत है. केंद्रीय बैंक ने सात फरवरी को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है.
- बैंक ने कहा कि वह एक लाख रुपये से अधिक के जमा पर ब्याज को रेपो रेट से जुड़ेगा. फिलहाल इस पर ब्याज 3.5 प्रतिशत है जो मौजूदा रेपो दर से 2.75 प्रतिशत कम है. इस मतलब साफ है कि जिस ग्राहक के खाते में एक लाख रुपये होंगे. उसे ही इसका फायदा मिलेगा.
- बैंक ने सभी नकद कर्ज खातों और एक लाख रुपये से अधिक की ओवरड्राफ्ट सीमा वाले खातों को भी रेपो रेट जमा 2.25 प्रतिशत की दर से जोड़ दिया है.