नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) : नकदी संकट से जूझ रही सरकारी टेलिकॉम कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) को सरकार बंद कर सकती है. नीति आयोग ने सरकार को इस बारे में सुझाव दिया है. सुझाव के मुताबिक MTNL के एसेट का विनिवेश करने के लिए कई विकल्पों पर विचार करने को कहा गया है. इसके बीएसएनएल के साथ मर्जर की बात ठंडे बस्ते में चली गई है. इस पर दूरसंचार विभाग ने नीति आयोग से सुझाव मांगे थे. अब दूरसंचार विभाग संपत्तियों को बेचने के विकल्प खोजेगा. दूरसंचार विभाग कंपनी को 4 जी स्पेक्ट्रम देना चाहता है. कंपनी के पास कर्मचारियों के वेतन का पैसा भी नहीं है.कर्मचारियों की सैलरी देने के पैसे नहींपिछले महीने MTNL ने डीओटी से एमटीएनएल में आए कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले पेंशन और जीपीएफ की प्रतिपूर्ति के लिए कुल 488 करोड़ रुपये की मांग की थी. इसके अलावा एमटीएनएल ने डीओटी कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली दूरभाष सेवा की प्रतिपूर्ति की भी मांग की थी. डीओटी ने इस अवधि के दौरान MTNL की जमीन और भवन लीज पर दिया जिसके लिए कंपनी ने 12 करोड़ रुपये किराए की मांग की थी.दिसंबर तिमाही में 859 करोड़ का घाटाएमटीएनएल का घाटा 30 सितंबर 2018 को समाप्त हुई तिमाही में बढ़कर 859 करोड़ रुपये हो गया, जिसका मुख्य कारण वित्तीय लागत में वृद्धि और बिक्री में कमी रही. कर्ज में चल रही कंपनी को एक साल पहले की इसी अवधि में 730.64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी के स्टॉक की कीमत सोमवार को 12.20 प्रति शेयर पर बंद हुआ, जोकि पिछले सत्र से एक फीसदी अधिक है.
नीति आयोग ने की MTNL को बंद करने की सिफारिश की
Uday Sarvodaya | 11 March 2019 8:49 AM GMT
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Updated : 11 March 2019 8:49 AM GMT
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