मुकेश सिंह
असम राज्य, जो अपने विविध सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, पिछले कुछ वर्षों में विकास के नए आयामों को छू रहा है. यह परिवर्तन असम में भाजपा की सरकार के नेतृत्व में हो रहा है. सरकार ने राज्य के नागरिकों के समग्र विकास के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की है, जिससे असम में सामाजिक और आर्थिक विकास की गति तेज हुई है. असम की वर्तमान भाजपा सरकार ने राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए कई मौलिक योजनाओं की शुरूआत की है. इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देना है, बल्कि राज्य के विभिन्न वर्गों को विशेष लाभ पहुंचाना भी है. इस लेख में हम असम सरकार की कुछ प्रमुख योजनाओं पर चर्चा करेंगे, जिनमें अरूणोदय, निजुत मोइना स्कीम, वृद्ध माता-पिता को सरकारी कर्मचारी पुत्र की सैलरी का 20% प्रदान करने की योजना, असम आदर्श विद्यालय योजना, असम माला योजना, और आत्मनिर्भर असम जैसी योजनाएं शामिल हैं.
अरूणोदय योजना: अरूणोदय योजना असम सरकार की सबसे प्रमुख और लोकप्रिय जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक है. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इस योजना के तहत, सरकार प्रति परिवार को मासिक वित्तीय सहायता के रूप में 1,250 रुपये प्रदान करती है. यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है, जिससे परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके. विशेष रूप से, इस योजना का लाभ मुख्य रूप से महिलाओं को दिया जाता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है. अरूणोदय योजना ने राज्य में लाखों परिवारों को गरीबी से उबारने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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निजुत मोइना स्कीम: ‘निजुत मोइना स्कीम’ एक और महत्वपूर्ण योजना है, जिसे असम सरकार ने राज्य के बालिकाओं के कल्याण के लिए शुरू किया है. इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को उनकी शिक्षा और विकास में सहायता प्रदान करना है. योजना के तहत, असम सरकार राज्य की बालिकाओं को स्कूलों में नामांकन के समय एक विशेष बचत खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस खाते में सरकार एक निश्चित राशि जमा करती है, जो लड़की की शिक्षा पूरी होने के बाद उसे प्रदान की जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. इस योजना ने राज्य में बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाने में मदद की है.
वृद्ध माता-पिता को सरकारी कर्मचारी पुत्र की सैलरी का 20% प्रदान करने की योजना: असम सरकार ने वृद्ध माता-पिता की देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठी योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत, असम सरकार ने यह निर्देश दिया है कि जो सरकारी कर्मचारी अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल नहीं कर रहे हैं, उनकी सैलरी का 20% हिस्सा उनके माता-पिता को दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य बुजुर्ग माता-पिता को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है. यह योजना बुजुर्गों के प्रति समाज में एक सकारात्मक संदेश भी भेजती है और परिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करती है. इस योजना की शुरूआत से राज्य में बुजुर्गों की स्थिति में सुधार हुआ है और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल रही है.
असम आदर्श विद्यालय योजना: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के उद्देश्य से असम सरकार ने ‘असम आदर्श विद्यालय योजना’ की शुरूआत की है. इस योजना के तहत राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले आदर्श विद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जहां छात्रों को नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है. इन विद्यालयों में सभी आधुनिक सुविधाएं, प्रशिक्षित शिक्षक और उत्कृष्ट पाठ्यक्रम प्रदान किए जा रहे हैं. यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के लिए लाभकारी है, जिन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होती. इस योजना ने असम में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
असम माला योजना: असम में सड़कों और परिवहन के बुनियादी ढांचे को सुधारने के उद्देश्य से ‘असम माला योजना’ की शुरूआत की गई है. यह योजना राज्य में सड़कों की मरम्मत, निर्माण और विस्तार के लिए समर्पित है. असम माला योजना के तहत, सरकार राज्य भर में 4500 किलोमीटर से अधिक सड़कों का विकास कर रही है, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों को बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके. यह योजना न केवल परिवहन सुविधाओं को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा देगी. इस योजना के तहत, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति को सुधारने पर जोर दिया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
आत्मनिर्भर असम योजना: आत्मनिर्भर असम योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं और उद्यमियों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है. इस योजना के तहत, असम सरकार ने विभिन्न सेक्टरों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की है. इस योजना के अंतर्गत, नए स्टार्टअप्स, छोटे और मध्यम उद्योगों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके अलावा, राज्य के युवाओं को विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपने रोजगार के अवसरों को बढ़ा सकें. आत्मनिर्भर असम योजना ने राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया है.
असम दर्शन योजना: असम की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘असम दर्शन योजना’ की शुरूआत की गई. इस योजना के तहत, असम के विभिन्न धार्मिक स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है. सरकार ने धार्मिक स्थलों की संरचना और सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला है और साथ ही स्थानीय समुदायों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं. इस योजना के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे असम की पहचान और मजबूत हो रही है.
मुख्यमंत्री ग्राम्य उन्नयन योजना: ग्रामीण विकास असम के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. भाजपा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्राम्य उन्नयन योजना’ की शुरूआत की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य असम के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है. इस योजना के अंतर्गत गांवों में सड़कों, पुलों, जलापूर्ति और बिजली जैसी आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. इसके अलावा, किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है.
अरुंधति स्वर्ण योजना: ‘अरुंधति स्वर्ण योजना’ एक और महत्वपूर्ण योजना है जिसे असम सरकार ने विशेष रूप से नवविवाहित महिलाओं के लिए शुरू किया है. इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और विवाह की उम्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार नवविवाहित दुल्हनों को 10 ग्राम सोना प्रदान करती है, बशर्ते विवाह की पंजीकरण हो और दुल्हन की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो. इस योजना से महिलाओं में आत्मसम्मान और सुरक्षा की भावना बढ़ी है और उन्हें सामाजिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिला है.
असम किसान समृद्धि योजना: कृषि क्षेत्र असम की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार ने ‘असम किसान समृद्धि योजना’ की शुरूआत की है. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है. इसके अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण, गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की सस्ती दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है. इसके अलावा, किसानों को कृषि के नवीनतम तरीकों और तकनीकों की जानकारी दी जाती है, जिससे वे अपने उत्पादन को बढ़ा सकें. इस योजना ने राज्य के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जनजातीय विकास योजनाएं: असम में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय निवास करते हैं, जिनके उत्थान के लिए भाजपा सरकार ने कई योजनाओं की शुरूआत की है. इन योजनाओं का उद्देश्य जनजातीय समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहायता प्रदान करना है. ‘जनजातीय छात्रवृत्ति योजना’ के तहत, जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. इसके अलावा, जनजातीय समुदायों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर, रोजगार प्रशिक्षण और उनके पारंपरिक हस्तशिल्प और कला के संरक्षण के लिए भी सरकार ने पहल की है.
स्वास्थ्य सेतु योजना: असम में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और बेहतर बनाने के लिए ‘स्वास्थ्य सेतु योजना’ की शुरूआत की गई. इस योजना के तहत, मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं. इन इकाइयों में डॉक्टर, नर्स और आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होते हैं, जिससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना से असम के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त हो रही है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद मिल रही है.
पोषण अभियान: महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के उद्देश्य से असम सरकार ने ‘पोषण अभियान’ की शुरूआत की है. इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं. आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से इस योजना को लागू किया जा रहा है, जहां बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य जांच और आवश्यक विटामिन और खनिजों की आपूर्ति की जाती है. इस अभियान से असम में कुपोषण की समस्या को कम करने में सफलता मिली है और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना: असम में आवास की समस्या को दूर करने के लिए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया गया है. इस योजना के तहत, गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को सस्ती और सुविधाजनक आवास मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस योजना के तहत मकान निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. भाजपा सरकार ने इस योजना को प्राथमिकता दी है और यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के सभी पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिले. इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत बनाए गए घरों में आवश्यक सुविधाओं जैसे बिजली, शौचालय और स्वच्छ जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है, जिससे लाभार्थियों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है.
इन मौलिक योजनाओं के अलावा भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुछ विशेष महत्वाकांक्षी योजनाओं का भी असम में सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिनमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अटल अमृत योजना का उल्लेख आवश्यक है.
अटल अमृत अभियान: असम में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से भाजपा सरकार ने ‘अटल अमृत अभियान’ की शुरूआत की. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. इस योजना के तहत बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) परिवारों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसमें कार्डियोवास्कुलर, न्यूरोलॉजिकल, किडनी, कैंसर और जली हुई चोटों जैसे गंभीर रोगों का इलाज शामिल है. इस योजना के तहत, एक परिवार को प्रति वर्ष 2 लाख रुपये तक की चिकित्सा सहायता मिलती है, जिससे असम के गरीब परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से राहत मिलती है.
निष्कर्ष: असम में भाजपा सरकार द्वारा आरंभ की गई ये जनकल्याणकारी योजनाएं राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं. ये योजनाएं न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि असम के नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठा रही हैं. इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से असम में गरीबी, बेरोजगारी, और असमानता की समस्याओं का समाधान हो रहा है, जिससे राज्य की समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित हो रही है. असम सरकार की ये जनकल्याणकारी योजनाएं राज्य के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दशार्ती हैं. अरूणोदय योजना से लेकर आत्मनिर्भर असम तक, सभी योजनाओं का उद्देश्य राज्य के विभिन्न वर्गों को सहायता प्रदान करना और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से असम में न केवल गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा की समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है. यदि इन योजनाओं को निरंतरता और नवाचार के साथ लागू किया जाता रहा, तो असम राज्य न केवल पूर्वोत्तर भारत में बल्कि पूरे देश में विकास का एक मॉडल बन सकता है.