केरल के सबरीमाला मंदिर महिलाओं की एंट्री को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद से इस मुद्दे पर लगातार घमासान जारी है एक तरफ केरल की वामपंथी सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करवाने पर आमादा है तो दूसरी ओर भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में किसी भी रजस्वला स्त्री के प्रवेश नहीं होने देने की मांगों अडिग हैं जिससे पिछले 31 दिनों से इस मामले को लेकर केरल में तनाव की स्थिति बनी हुई है.आधुनिक भारत की पहली महिला शिक्षक ‘सावित्रीबाई फुले’गौरतलब है कि केरल में स्थिति यह है कि इन 31 दिनों में केरल में कई बार धारा 144 लगाई गई और इस दौरान पुलिस प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच तीखी झडपें भी हुई लेकिन श्रद्धालु इस बात पर अड़े हुए है कि कोई भी रजस्वला महिला मंदिर में प्रवेश करने नहीं दी जायेगी जिससे मंदिर की परंपरा को बरकरार रखा जा सके लेकिन इस बीच बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर भगवान अयप्पा का दर्शन करने का दावा किया है, जिसके कारण एक बार फिर से केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.श्रद्धालुओं के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सीपीएम और हिंदूवादी संगठन सबरीमाला कर्म समिति के कार्यकर्ताओं के बीच हुई तीखी झड़पों में हिंदूवादी संगठन के एक कार्यकर्ता की मौत भी हो गयी है जिसके बाद पुलिस ने भी कई लोगों को हिरासत में लिया है. वहीँ इसके जबाव में हिंदूवादी संगठनों के समूह सबरीमाला कर्म समिति ने केरल में बंद घोषित किया है जिसका समर्थन भाजपा भी कर रही है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ समूह इसे काला दिन के रूप में मना रहा है. ख़ास बात यह है कि इस मामले ने पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले लिया है और आमतौर पर एक-दूसरे की धुर विरोधी बीजेपी और कांग्रेस भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.
सबरीमाला: महिलाओं के प्रवेश पर विवाद, एक की मौत, केरल बंद
Uday Sarvodaya | 4 Jan 2019 1:57 AM GMT
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Updated : 4 Jan 2019 1:57 AM GMT
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