मुबई,एजेंसी। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी और भविष्य में भी चलता फिरता कंप्यूटर देखेंगे तो यह भी संस्कृत से ही संभव होगा। नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि यह एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को ठीक उसी तरह लिखा जाता है जैसा वे बोले जाते हैं।बता दें कि आईआईटी बॉम्बे के 57 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि डा.निशंक ने यह कहते हुए बताया कि नासा की तरफ से एक बयान आया है कि वो आने वाले समय में बातचीत करने वाले कंप्यूटर का विकास करने जा रहे हैं तो यह सिर्फ संस्कृत भाषा की वजह से संभव हो सकेगा। नासा का यह कहने की ठोस वजह है संस्कृत क्योंकि यह भाषा एक वैज्ञानिक भाषा भी मानी जाती है।
Updated : 11 Aug 2019 9:36 AM GMT
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