Close Menu
Uday Sarvodaya
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Uday Sarvodaya
    • राजनीति
    • समाज
    • शख़्सियत
    • शिक्षा
    • सेहत
    • टूरिज्म
    • कॉर्पोरेट
    • साहित्य
    • Video
    • eMagazine
    Uday Sarvodaya
    वक्फ बोर्ड की अरबों की जमीन भू माफियाओं के कब्जे में
    समाज

    वक्फ बोर्ड की अरबों की जमीन भू माफियाओं के कब्जे में

    Shahab Tanweer ShabbuBy Shahab Tanweer ShabbuSeptember 19, 2024Updated:October 8, 2024No Comments8 Mins Read
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    शहाब तनवीर शब्बू

    वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार संसद में जब से बिल लेकर आई है उसके बाद से देश भर की राजनीति गर्मा गई है. वक्फ बिल को लेकर सत्ताधारी एनडीए गठबंधन और इंडिया अलायंस के आमने-सामने आ जाने के बाद इस बिल को जेपीसी में भेज दिया गया जहां पहली बैठक ही हंगामेदार रही. वहीं इस मुद्दे ने बिहार की सियासत में भी सरगर्मी तेज कर दी है जब से जदयू के सांसद ललन सिंह ने इस बिल पर सदन में अपनी पार्टी की तरफ से सरकार का समर्थन किया है उसके बाद बिहार में भी वक्फ को लेकर बिहार सरकार हरकत में आ गई है और बड़ा फैसला किया है. बिहार में वक्फ बोर्ड की 50 फीसदी से अधिक जमीन पटना, मुजफ्फरपुर, फतुहा, आरा, सासाराम, सहित बिहार के अधिकांश जिलों में अतिक्रमण की शिकार है. राज्य में दो वक्फ बोर्ड संचालित हैं बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड एवं बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड. इन दोनों वक्फ बोर्ड के पास तकरीबन 25 हजार बीघा जमीन है. इनमें शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 5 हजार बीघा तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 21 हजार बीघा जमीन जिसकी कीमत अरबों में है.

    इसे भी पढ़ें ⇒महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या की पुनरावृति क्यों

    वक्फ बिल पर मचे बवंडर को लेकर अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान का कहना है कि विभाग ने तय किया है कि बिहार में वक्फ बोर्ड के पास कितनी जमीन है उसका पूरा सर्वे कराया जाएगा और फिर उस जमीन की जांच कराई जाएगी.विभाग को लगेगा कि जांच में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा जमीन माफिया या दलालों ने कर रखा है या फिर अवैध तरीके से बेची गई है तो उसकी पूरी जांच होगी और जो भी लोग इसमें दोषी होंगे उनपर कड़ी कारवाई की जायेगी. विभाग को प्रदेश के कई जिलों से शिकायतें मिली भी हैं कि वक्फ की जमीन पर भूमाफियों, दलालों और कई सफेदपोश नेताओं ने कब्जा जमा रखा है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कई सारे मामले तो कोर्ट में भी फंसे हुए हैं. कोर्ट के आदेश पर कई जगह जमीनें खाली भी कराई गयी हैं.

    प्रदेश के अन्य जिलों की तरह राजधानी पटना से सटे भोजपुर जिले में भी शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की हजारों करोड़ की संपत्ति भू-माफियाओं के कब्जे में है. भू-माफिया ऊँचे-ऊँचे मकान और व्यवसायिक केंद्र बनाकर अपनी संपत्ति बढ़ा रहे हैं. लेकिन जिन लोगों पर वक्फ के जमीन की रक्षा की जिम्मेदारी है वे कहीं न कहीं अपने कर्तव्यों को पूरा करने में विफल साबित हो रहे हैं. आरा शहरी क्षेत्र में सुन्नी व शिया वक्फ बोर्ड की अरबों रुपये की संपत्ति पर भूमाफियाओं का कब्जा है.

    शहर के सबसे कीमती स्थान पकड़ी चौक पर शिया वक्फ बोर्ड में पंजीकृत मीर हसन अस्करी वक्फ इस्टेट नंबर 112 की तीन एकड़ कीमती जमीन पर भू-माफियाओं ने वर्षों से कब्जा कर रखा हैं. शिया वक्फ बोर्ड की अनदेखी की वजह से इस पूरी जमीन पर बहुमंजिली इमारतें, दुकानें, वाणिज्यिक परिसर और यहां तक कि निजी अस्पताल भी बनाए लिए गए हैं. लेकिन बोर्ड जमीन खाली कराने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता चला आ रहा है. जानकारी के मुताबिक मीर हसन अस्करी ने शहर के पॉश इलाके पकड़ी चौक स्थित अपनी तीन एकड़ जमीन वक्फ कर दी थी ताकि उससे होने वाली आमदनी से धार्मिक और सामाजिक कार्य किए जा सकें. मीर हसन अस्करी वक्फ इस्टेट की मोतवल्ली जोहरा फातिमा ने वर्ष 1944 में तीन एकड़ जमीन में से एक बीघा नौ कट्ठा एक धूर जमीन उस समय आरा शहर के प्रसिद्ध वकील रहे मुहम्मद नूरूल होदा को 99 साल के लिए लीज पर दे दिया ताकि उसकी आमदनी से इमामबाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड की दूसरी संपत्तियों के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

    लेकिन मुहम्मद नूरूल होदा ने लीज की खिलाफ वर्जी करते हुए शहर के डॉक्टर श्याम नंदन मिश्रा, उनकी पत्नी मालती मिश्रा और कुसुम देवी के हाथों गलत तरीके से 1977 और 1984 में जमीन बेच दी. जबकि लीज की हुई जमीन मोहम्मद नूरुल होदा को बेचने का कोई अधिकार नहीं था. याद रहे कि नूरूल होदा की कोई संतान नहीं थी. उनके मरते ही जमीन और मकान पर भू-माफियाओं की नजर गड़ गयी और फर्जी ढंग से दस्तावेज बनाकर जमीन पर कब्जा कर लिया. मालती मिश्रा और उनके पति ने गलत तरीके से ली गयी जमीन पर चार मंजिला मालती अस्पताल का निर्माण कराया लिया.इसी जमीन से सटे कुसुम देवी के पति विजय गुप्ता ने ग्रीन मेडिकल हॉल नाम से एक दुकान खोल ली जो अब भी है. इसके साथ ही शहर के सहकारिता माफिया राजकेश्वर सिंह और उनके करीबी लोगों ने फर्जी तरीके से जमीन का अलग-अलग लोगों के नाम रजिस्ट्री कर मोटी रकम वसूल की.

    इसी का नतीजा है कि आज इस जमीन पर ऊँचे और पक्के मकान बन गए हैं. मार्केट कॉम्पलेक्स बन गया है जिसका किराया भू माफियाओं को मिल रहा है. वक्फ बोर्ड की लापरवाही से माफियाओं के हाथ में अरबों रुपये की उक्त जमीन कब्जे में है. इस संबंध में वक्फ संपत्ति के मोतवल्ली अकील हैदर बेलग्रामी ने कहा कि उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड से कई बार जमीन खाली कराने की गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कितनी बार भू माफियाओं से जमीन आजाद कराने का अनुरोध किया लेकिन किसी ने ध्यान ही नहीं दिया.उन्होंने कहा कि मुझे माफियाओं की ओर से बार-बार धमकियां भी मिलती रहती हैं.

    इस संबंध में जब बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष इरशाद अली आजाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में मीर हसन अस्करी वक्फ इस्टेट और इसके अवैध कब्जे का खुलासा हुआ था. उन्होंने कहा कि 1940 में इस भूमि को शहर के जमींदार मीर हसन अस्करी ने आम अवाम के नाम वक्फ कर दिया था.मैं ने भूमाफियाओं के खिलाफ इसे अतिक्रमण मुक्त कराने का मामला थाने में दर्ज कराया था.कब्जाधारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी.वक्फ कानून के अनुसार कोई भी वक्फ की संपत्ति खरीद या बेच नहीं सकता.इरशाद अली आजाद ने कहा कि वक्फ संपत्ति पर कब्जा करने वालों को जमीन हर हाल में खाली करनी होगी.

    वहीं इस संबंध में बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास ने कहा कि हां मुझे हाल ही में आरा के मीर हसन अस्करी वक्फ इस्टेट की जमीन के बारे में जानकारी मिली है.मैंने भोजपुर के जिलाधिकारी राजकुमार से बात की है और वक्फ की जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने की बात कही है सैयद अफजल अब्बास ने आगे कहा कि आरा में मीर हसन अस्करी वक्फ इस्टेट की कीमती जमीन पर भूमाफिया और दुष्ट तत्व लंबे समय से कब्जा कर रहे हैं और वे नोटिस दिए जाने के बाद भी जमीन खाली नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ भोजपुर जिला प्रशासन की मदद से थाने में एफआइआर दर्ज कर जमीन खाली कराने की प्रक्रिया जल्द ही की जाएगी. जल्द ही वह आरा आकर वक्फ की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कार्रवाई करेंगे.

    इधर आरा सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक सिंह कहते हैं कि अगर आप गुंडे, माफिया और वक्फ बोर्ड का नाम एक साथ लेंगे तो इसमें कोई समस्या नहीं है. जी हां क्योंकि वक्फ बोर्ड भी एक ऐसा माफिया है जो कहीं भी अपनी जमीन का दावा ठोक कर उसे खाली कराने का फरमान जारी कर देता है.हाल ही एक मामला पटना के फतुहा के गोविंद पुर गांव से आया है जहां सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गांव वालों को नोटिस भेजकर जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया है.बिहार में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव में लंबे समय से रहने वाले निवासियों जिनमें से ज्यादातर हिंदू हैं को नोटिस जारी कर कहा है कि ये जमीन 30 दिनों के अंदर खाली करनी होगी.हालांकि, जब यह मामला पटना उच्च न्यायालय के समक्ष लाया गया तो सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत पेश करने में विफल रहा.राजधानी पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव नें लगभग 95% हिन्दू परिवार रहते हैं और पीढियों से ये लोग यहां रहते आ रहे हैं.

    फिलहाल हाईकोर्ट ने गोविंदपुर में रहने वाले लोगों को थोड़े समय के लिए राहत प्रदान की है. कई लोग अभी भी भयभीत हैं क्योंकि नोटिस अभी भी नहीं हटाया गया है.याचिकाकर्ता राम लाल ने कहा ह्लहमें एक नोटिस मिला है जिसमें कहा गया है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है और हमें अगले 30 दिनों में यह जगह छोड़ने के लिए कहा गया है.इसके लिए बोर्ड भी लगाया गया है.

    बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मुहम्मद इरशादुल्लाह ने वक्फ भूमि का विवरण रजिस्टर 2 में दर्ज करने की आवश्यकता पर बल दिया और इस संबंध में सभी जिला अवकाफ कमिटीयों और कमिटी के मुतवल्लियों को इसे पूरी गंभीरता से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.इरशादुल्लाह ने कहा कि यह समय की मांग है कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए और देश के सभी लोगों को इस संबंध में जिला अवकाफ कमेटी का सहयोग करना चाहिए. वक्फ की जमीन रजिस्टर टू में दर्ज हो, इसके लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं.इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भी भेजा था और वक्फ की जमीन को रजिस्टर टू में दर्ज करना जरूरी बताया था.अल्पसंख्यक विभाग के इस पत्र के आलोक में पिछले दिनों राज्य के लगभग सभी जिलों के डीएम ने वक्फ भूमि को रजिस्टर-2 में दर्ज करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है.ईरशादुल्लाह आगे कहते हैं कि जिला प्रशासन अगर सजग हो जाए तो प्रदेश में हजारों बीघा वक्फ की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा सकता है.

    bhumafiya Bihar wakfboard
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Shahab Tanweer Shabbu
    • Website

    Related Posts

    देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम

    May 7, 2025

    इन्हें अपराध से नहीं बल्कि अपराधी के धर्म से नफ़रत है

    May 7, 2025

    भारत के लिये स्थाई सिरदर्द बन चुका आतंक पोषक पाकिस्तान

    April 28, 2025

    Comments are closed.

    Don't Miss
    कॉर्पोरेट

    REC को वित्त वर्ष 2025 में ₹15,713 करोड़ का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ

    By Uday SarvodayaMay 8, 20250

    नई दिल्ली, 8 मई 2025: सरकारी स्वामित्व वाली आरईसी लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 के…

    देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम

    May 7, 2025

    इन्हें अपराध से नहीं बल्कि अपराधी के धर्म से नफ़रत है

    May 7, 2025

    मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव रहेगी खास, 55 देशों के टूअर ऑपरेटर्स करेंगे शिरकत

    April 29, 2025
    Popular News

    2000 रुपये के नोट एक्सचेंज नियमों में बदलाव: अब तक बचे हुए नोट बदलने का समय बढ़ा, जानिए नए निर्देश

    January 8, 2024

    समय तय करेगा अयोध्या धाम किसको देगा फायदा कौन उठायेगा नुकसान

    January 1, 2024

    अति की हार

    June 6, 2024
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Contact Us
    © 2025 Powered by NM Media Solutions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.