हरिकृष्ण पाल
बिहार के बेगुसराय में एक ऐसा स्थान हैं जहां मुस्लिम मां दुर्गा का पंडाल सजाते हैं। यहां की दुर्गा पूजा देश भर के लोगों के लिए एक खास प्रकार की मिसाल कायम करती है। जहां आज के दौर में धर्म के आधार पर बांटने की राजनीति चल रही हो ऐसे में बेगुसराय के दुर्गा पूजा के पंडाल हिंदु मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल कायम करते हैं।
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बिहार के बेगूसराय जिले में दुर्गा पूजा के मौके पर मुसलमान माता के पंडाल को सजाते है। साल 1921 से यहां पूजा का आयोजन हो रहा है। किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति पिछले कई सालों से शांति और भाईचारे का संदेश दे रहा है। यहां के मुसलमान एक समूह सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं। इस त्योहार को अलग तरीके से मनाने में यह हिन्दुओं की सहायता भी करते हैं। इस मंदिर को मुसलमान चलाते है और यह हिन्दुओं के साथ मिलकर काम करते हैं। इस पूजा समिति में अधिकतर लोग मुसलमान है। बेगूसराय में स्थित देवी दुर्गा के इस मंदिर में अनुष्ठान, पूजा आयोजित करने और श्रद्धालुओं को संभालने का काम तक मुसलान ही करते हैं।
बताया जाता है कि 24 सदस्यों की इस समिति में 17 मुस्लिम और सात हिंदू सदस्य हैं। पूरे राज्य में यह समिति अपने आप में अनोखी है। इसकी चर्चा दूर- दूर तक होती है। साथ ही यहां से पूरे विश्व में एक अच्छा संदेश जाता है। लोगों को यहां का तरीका खूब पसंद भी आता है। यहां पर धूम-धाम से माता की पूजा की जाती है। यहां का नजारा और हाल थोड़ा अलग है। समिति के सदस्य बताते है कि वह मुसलमानों के बिना इस जगह पर पूजा को मनाने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। यहां की सफाई-सफाई से लेकर हर व्यवस्था को भी देखते है। पूजा समिति के मुसलमान यहां प्रसाद भी बांटते है। साथ ही अन्य अनुष्ठानों में भी भाग लेते हैं। यहां के मुसलमान बताते है कि वह अपने पूर्वजों की मान्यताओं के अनुसार चलते है। यहां वह हिन्दुओं की मदद करते हैं। इनके अनुसार यह इस्लाम की ओर सहिष्षुता का प्रतीक है। इसके तहत ही वह एक दूसरे की मदद करते हैं। यहां अलग-अलग जिलों के मुस्लिम कलाकार मंदिर और दूसरे जगर की कृतियों को अंतिम रुप भी देते हैं। यहां यह प्राथना और दान भी करते हैं।
वहीं, इस साल यहां माता का पंडाल फूलों से सजने वाला है। कोलकाता की साड़ी यहां मां की प्रतिमा पर चढ़ाई जाएगी। यहां के कमेटी के सदस्य दिन और रात पूजा की तैयारी में जुटे रहते हैं। यहां आने वाले तीन रास्तों पर भाव्य तोरण का गेट बनाया जाएगा। साथ ही मस्जिद चौक के पास एक गेट बनाया जाएगा। दूसरा गेट यहां स्थित विवाह भावन के पास बनाया जाएगा। जबकि, तीसरा गेट मेन रोड में पूरब दिशा की ओर बनाया जाएगा। यहां भाव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।यह बेहद सुंदर भी दिखेगा, यहां रोशनी की भी बढ़िया व्यवस्था की जाएगी। मंदिर के आसपास एक छोटा सा मेला भी लगाया जा रहा है। इस कारण यहा सजावट पर विशेष रुप से ध्यान दिया जा रहा है।
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जानकारी के अनुसार यहां पर मां की प्रतिमा इस बार मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। मंदिर को फूलों की माला और लाइट से खास रुप से सजाया जाएगा। पूजा के बाद कन्या पूजन भी होगा। साथ ही भंडारा का भी विशेष आयोजन किया जाएगा। यहां सैकड़ों की संख्या में कन्याओं का पूजा कर भेज का आयोजन किया जाएगा। मोहल्ले के स्थानीय लोग यहां के प्रसाद का ग्रहण करते हैं। इसको लेकर अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी तैयारी जारी है। साल 2021 से ही यहां माता की पूजा की जाती है। इसमें स्थानीय लोग बढ़ चढ़कर शामिल होते है। अल्पसंख्यक लोगों का यहां भरपूर सहयोग होता है। जो इस पूजा को यहां खास भी बनाता है।