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    पुलवामा त्रासदी के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, क्या पहलगाम के जवाब मिलेंगे?
    टूरिज्म

    पुलवामा त्रासदी के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, क्या पहलगाम के जवाब मिलेंगे?

    Uday SarvodayaBy Uday SarvodayaApril 27, 2025No Comments4 Mins Read
    palgawa
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    शहाब तनवीर शब्बू
    हमारी सरकार बहुत गुस्से में लगती है.जब सरकारें नाराज होती हैं, तो वे कुछ भी कर सकती हैं और किसी भी हद तक जाने का दावा कर सकती हैं.जैसा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवादियों के इस कदम का निकट भविष्य में बहुत ही कड़े तरीके से जवाब दिया जाएगा. मंगलवार को पहलगाम के बेसरन में जो कुछ हुआ उसने पूरे देश की भावना को झकझोर कर रख दिया है.घने जंगलों की ओट से अचानक सैन्य वर्दी पहने आतंकवादी प्रकट हुए. उन्होंने पहले निर्दोष पर्यटकों से जो घाटी की ठंडी और खुशनुमा वादियों में खुशी से झूम रहे थे उनसे उनका नाम और धर्म पूछा और फिर उन पर एके-47 से गोलियां बरसा दीं.जिसमें 26 बेगुनाह लोग मारे गए. सारी सुरक्षा एजेंसियां ताकती रह गयीं और 2से 3 आतंकवादी 20 मिनट से भी कम समय में एक अरब चालीस करोड़ की आबादी वाले देश की ताकत को चुनौती देकर पहाड़ों में गायब हो गए.इस कायर्यतापूरण कार्रवाई की जितनी भी निंदा की जाए कम है.

    इस दुखद दुर्घटना के तुरंत बाद सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग यह बयान देते नहीं थक रहे हैं कि कुछ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है. वहीं टीवी वालों ने ऐसा माहौल बना दिया है जैसे जंग कराकर ही मानेंगे.वैसे पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भारत सरकार ने कार्रवाई की शुरूआत कर दी है.लेकिन पाक पोषित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई अभी भी बाकी है.कश्मीर में बैठे कुछ ज़हरीले नागों को ज़रूर कुचलने की कोशिश हुई है. उनके घरों को ध्वस्त कर आर्थिक चोट पहुंचाई गयी है.लेकिन जो निर्णय केन्द्र सरकार ने लिए हैं, उनके अधिकांश परिणाम पाकिस्तान के नागरिकों (या दोनों पक्षों) को भुगतने होंगे या पड़ रहे हैं.इनमें सिंधु नदी संधि को निलंबित करना, वीजा निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना या पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश देना जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं.ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.अतीत में प्रत्येक प्रमुख सीमापार कार्रवाई, चाहे वह युद्ध हो या आतंकवादी हमला से पहले इसी प्रकार के निर्णय लिए गए हैं।

    चूंकि हम वहां की सरकार को आतंक का प्रतीक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार मानते हैं, इसलिए हम उसके खिलाफ फैसले लेते रहते हैं.जैसे ही घटनाओं से उपजे गुस्से का माहौल शांत होता है, शॉल और आम का आदान प्रदान फिर से शुरू हो जाता है.नागरिकों को बस उस पल का इंतजार करना होगा जिससे आतंकवादियो या उन्हें पनाह देने वालों को हर तरह से चोट पहुंचे.कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर हाल ही में लिए गए निर्णयों से अधिक तत्परता से शायद कुछ भी नहीं किया जा सकता था.यदि समाचार या टीवी रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो इस घटना पर मोदी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इस्लामाबाद में भी सभी स्तरों पर तैयारियां शुर हो गई हैं.
    हाल के वर्षों की घटनाओं को याद करें तो पहलगाम से पहले 2019 में पुलवामा की घटना ने भी इसी तरह सरकार को हिलाकर रख दिया था.उस समय देश लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त था। उस समय 40 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गयी थी.इसके बाद नागरिकों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी थी.इस बार पीड़ित नागरिक थे, इसलिए पूरे देश के नागरिक स्वयं शहीद नागरिकों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

    बहरहाल, पहलगाम में जो कुछ हुआ, उसकी प्रतिक्रिया केवल पाकिस्तान की कमर तोड़ने तक ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि भारत सरकार की यह भी जिम्मेदारी है कि वह उन लक्ष्यों को हासिल होने से रोके,जो आतंकवादी बेसरन के नाम पर लोगों को निशाना बनाकर हासिल करना चाहते थे.कश्मीर के लोगों ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.हमले के बाद वे कश्मीर में पर्यटकों के लिए ढाल बनकर खड़े हो गए.उनके लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए और आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जो लोग मेहमानों पर हाथ उठाते हैं वे भी उनके दुश्मन हैं.होना तो यह चाहिए था कि भारतीय मीडिया और भारत सरकार कश्मीरियों के इस संदेश को देश के अन्य भागों में भी प्रसारित करती ताकि आतंकवादी सांप्रदायिक नफरत का जो लक्ष्य लेकर चल रहे थे उसे हासिल करने में असफल हो जाते और आगे भी कभी ऐसी नापाक हरकत नहीं करते.लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है.हालाँकि सोशल मीडिया के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश जरूर फैल रहा है और उम्मीद है कि देश की जनता इसे समझेगी और महसूस करेगी.यह कश्मीरी लोगों के अच्छे मनोबल का प्रमाण है कि जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है वे भी कश्मीर के लोगों की मानवतावाद से थक नहीं रहे हैं.ऐसे में उन घृणित तत्वों पर अंकुश लगाना जरूरी है जिनका एकमात्र मकसद हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाना है जिससे उनकी रोज़ी रोटी और गंदी राजनीति चलती रहे…

    #pahalgam #pahalgamattack #pulwama
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