राजधानी रांची के नामकुम स्थित आर्मी ग्राउंड में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना के तहत राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन हुआ. इस योजना के अंतर्गत राज्य की 56 लाख 61 हजार 791 महिलाओं के बैंक खातों में कुल 1415 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से ट्रांसफर किए गए. यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और झारखंड की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई है.
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने वादा किया था कि मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना के तहत हर माह दी जाने वाली 1,000 रुपये की राशि को दिसंबर से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया जाएगा. आज आपके बैंक खातों में यह बढ़ी हुई पहली किस्त जमा हो चुकी है.’
उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपनी आय बढ़ाने में भी सक्षम होंगी.
महिलाओं की भागीदारी का आह्वान
सोरेन ने राज्य की महिलाओं को राज्य के विकास में भागीदार बनने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘झारखंड की आधी आबादी को जब तक सशक्त नहीं किया जाएगा, राज्य की प्रगति अधूरी रहेगी. हमने महिलाओं के सशक्तिकरण का संकल्प लिया है और इसे साकार करने के लिए इस योजना की शुरूआत की है. यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके स्वाभिमान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है.’
झारखंड की चुनौतियों का समाधान
सोरेन ने कहा कि झारखंड के संसाधनों का उपयोग देश के अन्य हिस्सों की प्रगति के लिए होता रहा है, लेकिन झारखंड के लोग अभाव और गरीबी में जीवन जी रहे हैं. उन्होंने राज्य में पिछड़ापन, बेरोजगारी, कुपोषण, और पलायन जैसी समस्याओं को दूर करने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा, ‘यह राज्य अब हाशिये पर नहीं रहेगा. इसे अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करेंगे.’
बैंकों को बदलना होगा रवैया
उन्होंने ने बैंकों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘झारखंड के गरीब लोग बैंकों में जो पैसा जमा करते हैं, उसका इस्तेमाल कहीं और होता है. यहां के लोगों को बैंकों से जो मदद मिलनी चाहिए, वह नहीं मिलती है. अब बैंकों को अपना रुख बदलना होगा और राज्य के लोगों की जरूरतों के अनुरूप काम करना होगा.’
महिला सशक्तिकरण
उन्होंने ने आगे कहा कि महिलाएं घर-परिवार और कामकाज दोनों संभालती हैं. पैसे के महत्व को उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता. यही वजह है कि सरकार ने घर-परिवार चलाने वाली महिलाओं पर राज्य की प्रगति का जिम्मा सौंपने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘अब महिलाओं के जरिए झारखंड की अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने का प्रयास हो रहा है. इस राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने में आधी आबादी की अहम भूमिका होगी.’ मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना को देशभर में सराहना मिल रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमारी सरकार ने आधी आबादी को सशक्त बनाने की दिशा में जो कदम उठाया है, वह अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहा है. मुझे उम्मीद है कि यह योजना महिलाओं को आगे ले जाने में निर्णायक साबित होगी.’ इस समारोह में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं, जिन्होंने इस योजना से लाभ प्राप्त किया. उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना से उन्हें अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
सोरेन ने महिलाओं को स्वाभिमान, हक और अधिकार दिलाने के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा, ‘हम महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारी यह योजना सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि महिलाओं को उनके सपनों को साकार करने का एक सशक्त माध्यम है. इस योजना के तहत महिलाएं अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के साथ अपनी आमदनी को भी बढ़ा सकती हैं.’उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की महिलाओं के आर्थिक समृद्धि की दिशा में किए गए प्रयासों का समर्थन सरकार समय-समय पर करेगी. उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ राज्य के विकास में योगदान दें. उन्होंने आश्वासन दिया कि महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग करेगी.
महिला-पुरुष समानता पर जोर
सोरेन ने कहा कि ‘जब तक महिला और पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चलेंगे, राज्य और देश प्रगति नहीं कर सकते. कई नीतियां और योजनाएं बनीं, लेकिन आज भी महिलाएं विकास से कोसों दूर हैं. हमारी यह योजना महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं अपने घर-परिवार को अच्छी तरह से चलाती हैं और कामकाज में भी दक्ष होती हैं. ऐसे में राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए महिलाओं का सहयोग लेना जरूरी है. उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाकर राज्य को मजबूत बनाने में योगदान दें.
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस समारोह में राज्य के कई मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. मंत्री राधा कृष्ण किशोर, मंत्री चमरा लिंडा, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, सांसद जोबा मांझी और राज्यसभा सांसद महुआ माजी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपके आशीर्वाद और सम्मान ने हमें नई ऊर्जा और ताकत दी है. हमारी सरकार महिलाओं के मान-सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. आप सभी ने आगे बढ़ने का जो सपना देखा है, उसे पूरा करने का यह हमारा एक प्रयास है.’ अंत में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि यह योजना केवल महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और राज्य को पिछड़ापन और गरीबी से मुक्त करने के लिए है. उन्होंने झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना झारखंड की महिलाओं के जीवन को बदलने और राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. इस योजना से न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नया बल मिलेगा. सोरेन ने आगे कहा कि जब तक महिला और पुरुष साथ मिलकर काम नहीं करेंगे, राज्य की प्रगति अधूरी रहेगी. महिलाओं के सशक्तिकरण के इस प्रयास से झारखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है.