जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) सिर्फ अपनी ऐतिहासिक विरासत और महलों के लिए ही नहीं, बल्कि अब वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए भी नया मानदंड स्थापित कर रहा है। राज्य सरकार की नई पहलें न केवल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आकर्षित कर रही हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को नए अवसर भी दे रही हैं।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने ‘द ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (GITB) 2025’ के महत्व, शेखावाटी की ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण और राजस्थान को एक प्रमुख MICE (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
इस विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे राजस्थान आने वाले वर्षों में सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि वैश्विक आयोजनों और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण का भी केंद्र बनेगा।

प्रश्न: GITB 2025 के आयोजन से राजस्थान को क्या लाभ मिलेगा?
दिया कुमारी: राजस्थान हमेशा से भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र रहा है। लेकिन अब हमारा लक्ष्य इसे वैश्विक स्तर पर MICE (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) पर्यटन का हब बनाना है। GITB 2025, जो 4 से 6 मई को जयपुर में आयोजित होगा, इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इस इवेंट में 99 से अधिक देशों के 280 विदेशी टूर ऑपरेटर्स और विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिससे राजस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नया आयाम मिलेगा।

प्रश्न: इस बार GITB में क्या खास होगा?
दिया कुमारी: हर साल GITB नई संभावनाएं लेकर आता है। इस बार का आयोजन और भी भव्य और प्रभावी होगा। इसमें 11000 से अधिक B2B मीटिंग्स होंगी, जिससे विदेशी टूर ऑपरेटर्स और भारतीय पर्यटन कंपनियों के बीच मजबूत साझेदारियां बनेंगी। इसके अलावा, “मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव” का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारत को MICE टूरिज्म के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

प्रश्न: जयपुर में IIFA जैसे बड़े आयोजन होने के बाद GITB को लेकर क्या संभावनाएं हैं?
दिया कुमारी: राजस्थान ने आईफा 2025 जैसे बड़े आयोजन की सफल मेजबानी की है, जिससे हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली। GITB 2025 को भी उसी स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि यह भविष्य में अन्य अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स को आकर्षित कर सके। हमारी कोशिश है कि राजस्थान को सिर्फ दर्शनीय स्थल के रूप में नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट और इवेंट टूरिज्म के लिए भी सबसे पसंदीदा गंतव्य बनाया जाए।
प्रश्न: राजस्थान में पर्यटन के साथ-साथ विरासत संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। शेखावाटी हवेलियों के संरक्षण को लेकर आपकी क्या योजना है?
दिया कुमारी: राजस्थान की हवेलियां और ऐतिहासिक स्मारक हमारी धरोहर हैं, जिन्हें हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोकर रखना होगा। हमने शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों के संरक्षण को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें सीकर, झुंझुनूं और चूरू के कलेक्टरों सहित पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
हमारी प्राथमिकता है कि इन हवेलियों का डिजिटल सर्वेक्षण किया जाए और विरासत संरक्षण के लिए नई नीतियां बनाई जाएं। सीकर के रामगढ़ क्षेत्र को एक मॉडल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि बाकी हवेलियों का संरक्षण भी उसी आधार पर किया जा सके।

प्रश्न: शेखावाटी हवेलियों को पर्यटन से कैसे जोड़ा जाएगा?
दिया कुमारी: हमारी योजना है कि शेखावाटी की हवेलियों को हेरिटेज टूरिज्म का हिस्सा बनाया जाए। इसके लिए विरासत संरक्षण बॉयलॉज को अपडेट किया जाएगा, और विशेषज्ञों की मदद से इनका जीर्णोद्धार किया जाएगा।
इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को इन हवेलियों के संरक्षण में शामिल किया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। शेखावाटी क्षेत्र को एक ओपन-एयर म्यूजियम के रूप में विकसित करने की दिशा में भी हम काम कर रहे हैं।
प्रश्न: राजस्थान पर्यटन को लेकर आपकी दीर्घकालिक दृष्टि क्या है?
दिया कुमारी: हमारी लॉन्ग-टर्म विजन यही है कि राजस्थान को सिर्फ एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में नहीं, बल्कि एक मल्टी-डायमेंशनल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जाए।
– MICE टूरिज्म को बढ़ावा देना, ताकि कॉर्पोरेट इवेंट्स और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए राजस्थान पहली पसंद बने।
– परंपरागत पर्यटन को नए अनुभवों से जोड़ना, जैसे हेरिटेज वॉक, लोकल आर्ट और फूड टूरिज्म।
– सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास दोनों को संतुलित किया जा सके।
प्रश्न: राजस्थान के लोगों और पर्यटन से जुड़े उद्यमियों को आप क्या संदेश देना चाहेंगी?
दिया कुमारी: राजस्थान की संस्कृति, विरासत और मेहमाननवाजी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमें इसे संजोकर रखना है और इसे दुनिया तक पहुंचाना है। मैं पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी लोगों से अपील करूंगी कि वे इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशें, नए प्रयोग करें और राजस्थान को एक वैश्विक पर्यटन हब बनाने में अपना योगदान दें।