Author: Dr. Swatantra k. Richhariya

डॉ. स्वतंत्र रिछारिया याद कीजिए अभी कुछ साल पहले लेंडलाइन फोन के समय में जब मोबाइल का अविष्कार नहीं हुआ था। तब आपको कितने नंबर याद हुआ करते थे। घर, रिश्तेदार, खास दोस्त, टेलीफोन एक्सचेंज, बिजली आॅफिस, हॉस्पिटल और भी ना जाने कितने, और अब आप सोचिए आज अपको कितने मोबाइल नंबर याद हैं, कुछ लोग तो परिवार के सदस्यों का छोड़िए, स्वयं के मोबाइल के दूसरे स्लॉट वाले सेकेंड नंबर तक को याद नहीं रख पाते हैं। तो ऐसा क्या हुआ है जो सिर्फ 10-12 सालो में हम इतना भूलने लगे हैं। मानव के जैविक उद्विकास की प्रक्रिया का…

Read More