विजय गर्ग
किसी सफल प्रोफेशनल करियर की नींव तैयार करने में बेहतर अकादमिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ इंटर्नशिप की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इससे आपकी न केवल करियर ग्रोथ बेहतर होती है, बल्कि आपका रेज्यूमे भी आकर्षक बनता है, जो कारपोरेट दुनिया में प्रवेश के लिए बहुत ही आवश्यक है। किसी प्रोफेशनल कोर्स को पूरा करने के बाद जब आप इंटर्नशिप करते हैं तो इससे आपको वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त होता है। साथ ही कौशल को निखारने और नेटवर्किंग का मौका भी मिलता है, जो आपके बेहतर भविष्य की नींव तैयार करता है।
इसे भी पढ़ें ⇒चाह को मिली राह
नई स्किल सीखने का मौका: पढ़ाई के बाद स्किल को निखारने के लिए इंटर्नशिप से बेहतर मौका और कुछ हो ही नहीं सकता। यह सही है कि अच्छे करियर के लिए आपकी डिग्री और ग्रेड बहुत मायने रखता है, पर इंटर्नशिप करके जब आप किसी प्रोफेशनल करियर में प्रवेश करते हैं तो मान लिया जाता है कि आप एक पेशेवर के तौर पर परफेक्ट हैं, क्योंकि इंटर्नशिप के दौरान आप टेक्निकल ज्ञान और कौशल ही नहीं सीखते, बल्कि यहां टीम के रूप में काम करने का अवसर भी प्राप्त होता है।
नेटवर्किंग का लाभः कारपोरेट जगत में सफलता का सबसे पुख्ता फार्मूला है- स्किल और नेटवर्किंग। जब आप इंटर्न होते हैं तो इंडस्ट्री के टाप प्रोफेशनल्स से मिलने और उनके साथ काम करने का मौका मिलता है। उनके साथ काम करके ऐसी बहुत सी चीजें सीख सकते हैं, जो भविष्य में काम आने वाला है।
ज्यू को मिलती है मजबूती: इंटर्नशिप अनुभव आपके स्किल्ड होने का एक शुरुआती साक्ष्य होता है, इसलिए कहा जाता है कि अपने रेज्यूमे में इसकी जानकारी को अच्छी तरह से दर्ज करना चाहिए। करियर लक्ष्यों को लेकर स्पष्टताः कामकाजी अनुभव प्राप्त करने के दौरान आप यह तय करने की स्थिति में होते हैं कि इंडस्ट्री में किस भूमिका के लिए आप सबसे उपयुक्त होंगे और फिर उसी आधार पर अपना करियर लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। इसके लिए आप वरिष्ठों से मार्गदर्शन और सुझाव भी प्राप्त कर सकते हैं। कार्य संस्कृति सीखने का मौका: जब इंटर्नशिप करके निकलते हैं तो आपके आत्मविश्वास का स्तर काफी ऊंचा हो जाता है। किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने, तनाव और चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करते हुए प्रबंधन के कई गुर सीख जाते हैं। इससे किसी इंटरव्यू और प्रोफेशनल इंटरैक्शन में आपको बहुत फायदा मिलता है।