Close Menu
Uday Sarvodaya
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Uday Sarvodaya
    • राजनीति
    • समाज
    • शख़्सियत
    • शिक्षा
    • सेहत
    • टूरिज्म
    • कॉर्पोरेट
    • साहित्य
    • Video
    • eMagazine
    Uday Sarvodaya
    केजरीवाल के मंत्री अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें : रमेश बिधूड़ी
    राजनीति

    केजरीवाल के मंत्री अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें : रमेश बिधूड़ी

    Chetan PalBy Chetan PalOctober 5, 2024Updated:October 8, 2024No Comments4 Mins Read
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    रमेश बिधूड़ी :  कडुआ सच बोलने के मामले में लाभ/ हानि की परवाह नहीं करते, बनावटीपन से मीलों दूर रहने वाले भाजपा के पूर्व सांसद रमेश विधूड़ी क्या सचमुच मुस्लिम विरोधी हैं, या जानबूझ कर उनकी छवि ऐसी बनाई गई. ‘उदय सर्वोदय’ के संपादक सुलतान भारती की रमेश बिधूड़ी के साथ खास बातचीत.

    दक्षिणी दिल्ली लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में आप गृहमंत्री जी के साथ मंच पर नजर आए थे, उसका सकारात्मक नतीजा भी भाजपा उम्मीदवार को मिला. आजकल आपने अपने आपको कहां व्यस्त कर लिया है?

    हमारी पार्टी में विचारधारा महत्व रखती है, व्यक्ति विशेष नहीं. दो बार हमें मौका मिला, जनता ने मुझे जनादेश दिया. इस बार पार्टी ने मेरे बजाय किसी और को उम्मीदवार बनाया. मुझे दूसरी जिÞम्मेदारी दी गई है. चुनाव के दौरान मैं दूसरे प्रदेशों में पार्टी उम्मीदवार को जिताने के लिए प्रचार में लगा रहा. इस दौरान मैं पार्टी हाई कमान के आदेश पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के चुनाव प्रचार में लगा रहा.

    चुनाव हुआ, एनडीए की सरकार बनी, चंद्र बाबू नायडू और नीतीश के समर्थन पर टिकी सरकार में स्थायित्व देख रहे हैं?

    चल रही है और चलेगी, बाकी मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने पर कोई रोक नहीं है. चंद्र बाबू नायडू बहुमत के नेता हैं, उन्होंने वही निर्णय लिया है जो प्रदेश और जनहित में है. नीतीश जी ने इंडिया गठबंधन को समर्थन करके देख लिया. समर्थन देकर भी उन्हें अपमान मिला. तभी उन्होंने कहा, – अब मैं कहीं नहीं जाने वाला. दोनों पार्टियों के नेता पूरे समर्थन के साथ सरकार को सहयोग दे रहे हैं और एनडीए में किसी प्रकार का मतभेद या मनभेद नहीं है.

    इसे भी पढ़ें ⇒बजट 24: किसानों के साथ फिर छलावा

    केंद्रीय राजनीति से हम दिल्ली प्रदेश की ओर आते हैं, – जब से केजरीवाल सत्ता में आए हैं, आप हाथ पैर धोकर उनका विरोध करते आ रहे हैं. क्या आम आदमी पार्टी में आपको कोई अच्छाई नहीं नजर आती?

    हमारा विरोध मुद्दे पर आधारित है, किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. उनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है, फिर चाहे वो फ्री अनाज का मामला हो या बिजली का. अनाज तो उन्हें केंद्र सरकार सस्ते दाम पर देती है.

    सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर और मोहल्ला क्लिनिक के बारे में क्या कहेंगे?

    शिक्षा और स्वास्थ्य में किए गए प्रयोग सिर्फ दावे तक रह गए. उनकी पोल दिल्ली वालों के सामने खुल चुकी है. मोहल्ला क्लिनिक में जरूरी दवाई होती नहीं. केजरीवाल जी के आवास, सुरक्षा, विज्ञापन का खर्चा उनके वादों से मेल क्यों नहीं खाता. केजरीवाल जी अपने सभी विधायक और मंत्री की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक क्यों नहीं करते. पता तो चले कि पिछले दस साल में उनकी संपत्ति बीस गुना कैसे बढ़ गई.

    इसी बीस जून को आपके लोकसभा क्षेत्र में आने वाले संगम विहार में कुछ असामाजिक लोगों ने सौहार्द बिगाड़ने की जबरदस्त साजिÞश रच डाली थी. क्षेत्र के हिन्दू मुस्लिम और नेता तनाव को खत्म करने में लगे थे, तभी बाहर के एक शख्स ने आकर यहां के पुलिस आॅफिसर के सामने बगैर किसी सबूत के एक सम्प्रदाय विशेष को दोषी करार देते हुए उनके सामुहिक नरसंहार की धमकी भी दे डाली, इस विषय में आपका क्य़ा कहना है?

    इस तरह की धमकी कोई नहीं दे सकता, देश में कानून है. फिर भी) ऐसा कोई कहता है तो उस पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. इस तरह के माहौल खराब करने वाले लोग संगम विहार, दक्षिण पुरी, तुगलकआबाद, बदरपुर आदि में नहीं हैं. ये लोग बाहर (ओखला और ट्रांस जमुना) से यहां आते हैं. जरूरत इस बात की है कि यहां के रहने वालों को ऐसे लोगों पर नजर रखने की जरूरत है. न उनके भड़काने में आयें न शरण दें. ऐसे लोगों को शरण देने वाले भी अपराधी हैं. वर्ना दिल्ली दंगा जैसा ही नुकसान होगा.

    उदय सर्वोदय के प्रबंध संपादक तबरेज खान का फोन लगातार बज रहा था, उन्हें देर हो रही थी. इंटरव्यू खत्म हो चुका था और हम संपादकीय कार्यालय की ओर लौट रहे थे. एक सवाल खुद मुझे कचोट रहा था- ‘रमेश बिधूड़ी न चाहते हुए भी हमेशा विवाद व चर्चा में क्यों बने होते हैं? शायद कडुआ सच बोलने के इस आदत के चलते उन्होंने खोया भी बहुत कुछ है. उनके लंबे संघर्ष और उपलब्धियां एमके ‘राही’ के एक शेर से बाखूब समझ सकते हैं…

    जिस्म छिल जाता है पहचान नई पाने में,
    इतना आसान नहीं मील का पत्थर होना.

    #central politics #Lok Sabha elections #South Delhi
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Chetan Pal
    • Website

    Work as Creative designer and manage social media platform

    Related Posts

    विवाद के समय बीजेपी क्यों छोड़ देती है अपने नेताओं का साथ

    April 24, 2025

    क्या है देश के अपमान की परिभाषा

    April 24, 2025

    संभल में संघ संगठन और सनातन की साख हैं कपिल सिंघल

    April 13, 2025

    Comments are closed.

    Don't Miss
    कॉर्पोरेट

    मनोहर लाल ने यूपी में 1000 सीटों वाले ऑडिटोरियम की आधारशिला रखी

    By Uday SarvodayaMay 30, 20250

    सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश। केंद्रीय विद्युत, आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने उत्तर प्रदेश…

    पश्चिमी राजस्थान लोकसंस्कृति और पर्यटन का स्वर्णिम संसार

    May 21, 2025

    REC को वित्त वर्ष 2025 में ₹15,713 करोड़ का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ

    May 8, 2025

    देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम

    May 7, 2025
    Popular News

    2000 रुपये के नोट एक्सचेंज नियमों में बदलाव: अब तक बचे हुए नोट बदलने का समय बढ़ा, जानिए नए निर्देश

    January 8, 2024

    समय तय करेगा अयोध्या धाम किसको देगा फायदा कौन उठायेगा नुकसान

    January 1, 2024

    अति की हार

    June 6, 2024
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Contact Us
    © 2025 Powered by NM Media Solutions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.