प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, अमेरिकी दूतावास के ग्रेग पार्डो, डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉ. सुदर्शना द्विवेदी के साथ बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी का हुआ सम्मान,
इस नये साल की शुरुआत छत्तीसगढ़ के लिए कई मायनो में महत्वपूर्ण तथा शुभ रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश तथा विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के साहित्य जगत के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है कि ‘विश्व हिंदी दिवस की पावन अवसर पर मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के तत्वावधान में मुंबई बांद्रा के उत्तर भारतीय भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में बस्तर छत्तीसगढ़ बस्तर कोंडागांव की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजाराम त्रिपाठी को उनके दीर्घकालिक विशिष्ट साहित्य सेवा के लिए देश की पांच चुनिंदा हस्तियों प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, भारत के अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ग्रेग पार्डो, राजेंद्र प्रताप सिंह चेयरमैन योगायतन ग्रुप, तथा वरिष्ठ पत्रकार कहानीकार डॉ. सुदर्शना द्विवेदी के साथ सम्मानित किया गया। यहां यह रेखांकित किया जाना भी प्रासंगिक होगा कि डॉ. त्रिपाठी को हाल ही में बस्तर के आदिवासी गांवों में ‘गांडा समुदाय की परंपरागत चिकित्सा पद्धति’ पर महत्वपूर्ण दीर्घकालिक शोध-प्रबंध पर डॉक्टर की उपाधि प्रदान की गई है। गांडा जाति पर किए गए इस नवीन शोध को इस दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ,कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा एवं सांसद मनोज कोटक, विधायक राजहंस जी भूतपूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर जी, उत्तर भारतीय महासंघ के अध्यक्ष संतोष सिंह जी,अमरजीत सिंह आचार्य त्रिपाठी के करकमलों से इन हस्तियों को विशिष्ट-पदक तथा शाल व अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। 4:00 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध लोक गायक सुरेश शुक्ला के सरस्वती आवाहन गीत से की गई। आशुतोष राणा अपने ओजस्वी उद्बोधन के बाद सभी की फरमाइश पर श्री कृष्णा पर लिखी अपनी लोकप्रिय कविता भी सुनाई। आशुतोष राणा ने कहा कि वह भी जैविक तथा हर्बल खेती करने को इच्छुक हैं, उन्होंने डॉक्टर त्रिपाठी से उनकी हर्बल खेती देखने कोंडागांव आने की का वादा भी किया।सम्मानित किए गए अमेरिकी दूतावास के काउंसलर ग्रेग पार्डो ने सधी हुई त्रुटिहीन हिंदी में भाषण देकर सभी को चौंका दिया।
इस अवसर पर डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी ने मंच से ललकारते हुए चेताया कि हिंदी को लेकर देश के राजनेताओं की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है और यह देश का दुर्भाग्य ही है कि हिंदी और देश के किसान दोनों ही देश का सबसे बड़े पक्ष/मेजोरिटी होने के बावजूद समान रूप से उपेक्षित हैं,दीर्घकालिक व्यापक देश हित में इस स्थिति को जल्द से जल्द बदलना होगा। मंचस्थ तथा देशभर से पधारे विद्वानों ने करतल ध्वनि से डॉक्टर त्रिपाठी के कथन का समर्थन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष आदित्य दुबे, महासचिव विजय सिंह कौशिक राजकुमार सिंह,अखिलेश मिश्रा,दिनेश सिंह, सुरेंद्र मिश्रा, सोनू श्रीवास्तव, कप्तान माली, महेशचंद्र शर्मा, बलवंत सिंह ,रमाकांत सिंह,मुकेश सेठ ,ओम प्रकाश सिंह चौहान, मिथिलेश सिंह, दीपक सिंह आदि की महत्वपूर्ण सहभागिता रही। अंत में संस्था के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र मिश्रा द्वारा सार्थक शब्दों में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।